महफ़िल सजी हैं आज हसीन महखाने में, मिल बैठ करेंगें गुफ्तगू सब अपने यार.....
सुनने को मिलेंगी आज कहानियाँ बहुत, किसी का टूटा दिल तो किसी का एक तरफा प्यार....
जितना भी दबा हो दर्द सीने में, बन आँसू आज बाहर आ जाएगा....
जिस सुकून की तलाश करते थे लोगो में, वो काम आज एक जाम कर जाएगा....
पर मत कर लेना कोई शराब से मोहब्बत, बेतहाशा प्यार बहुत हानिकारक होता हैं....
लत लग जाये जो इसका एक बार, मिलता तो कुछ नही बस अपनो को खोता हैं.....-
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हर वक़्त नज़्म लिखने वाला आज दो पंक्तिया नही लिख पा रहा....
जो कह देता अपने जज्बात बात ही बात में, आज एक लव्ज़ नही कह पा रहा...
मानो लिखने को कुछ बचा न हो, खत्म हो रहा उसका जीवन से प्यार....
टूटे शीशों के जैसे खड़ा हैं वो, बस आपके एक इशारे पर बिखरने को हैं तैयार....
बचा ही नही हैं कोई आसपास साथ निभाने को, सब मतलब खत्म होने पर छोड़ गए....
रिश्ता तोड़ना तो आम हैं इनके लिए, एक हिम्मत बची थी वो भी तोड़ गए....
अचानक खुल गयी फिर नींद मेरी, ली मैंने फिर थोड़ी चैन की सांस.....
समझ आया कैसा लगता होगा, जब भीड़ बहुत हो पर अपना कोई न हो पास.....-
Hmesa kadar kari us insan di, jo tere naal gallan krn to bechain si....
Na smjhi ohde care nu torcher , voh bs tere leyi presan si...
Hove hn ye kalle zindagi vich, ni milda ohnu kise da sahara....
Tham le hath ohda ik vari, je chhad gye ta pher milna ni doobara....-
कुछ यूँ हैं आज की बात आपसे, मेरे शब्दों को भी प्यार हो चला हैं....
कितने भी बदल लू में अक्षर पर, इन्हें बस उनका एतबार हो चला हैं....
न जाने कहा टकरा गए ये उनसे, बस हरदम उनकी याद में लिखते हैं....
पहले जिन्हें पढ़ने के लिए पड़ता था गिड़गिड़ाना, आज उसके नाम पर बेतहाशा बिकते हैं.....
न मांगी मैंने कोई मन्नत रब से, बस एक जीने की वजह रहा था में खोज......
लिख पाता था जो महीने में दो कविताएं, अब उनकी तस्वीर देख नज़्में लिख रहा में रोज़.....
हाँ पता हैं आप पूछोगे कौन हैं वो, किसने थाम ली हैं मेरे दिल की डोर....
मुझसे पूछोगे तो इक कल्पना हैं मात्र, बाकी शब्दो पर कहाँ हैं किसी का जोर.....-
चाहे केतनो आपन दर्द छिपा लीं, केहू ते ओकरा पीछे का दर्द भाँप ली....
कितनो अँखिया पर चमकीला चश्मा डाल लीं, केहू तब भी ओकरा भीतर झाँक ली....
केतना दौड़बा आपन किस्मत से रे बबुआ, कब ले जियबऽ अइसन डर के ज़िंदगानी....
हर मोड़ पर लोग बइठल बा रऊवाॅं गिराए खातिर, बस तइयार रहीं कब ले ज़िन्दगी कर दे आपन मनमानी...-
बता कौनसा छुपाया तूने हैं राज़...
क्यों लोग कहते तू हैं दगाबाज़...
आजकल क्यों बदला सा तेरा हैं अंदाज़ ....
कुछ उखड़ी सी बेदर्द अब तेरी हैं आवाज़ ...
तेरे दोस्त बोले हैं तू मुझसे हैं नाराज़ ...
तेरे जीवन का हूँ मैं छोटा सा मजाक...
बस एक बार बोल दे ये तेरे हैं अल्फ़ाज़ ...
अरे नही हैं ये दिल किसी के साथ का मोहताज....
बढ़ते रहेंगे हम तू साथ रहे या न रहे आज....-
मेरे बिखरने का इंतज़ार न किया करो, हर रोज़ कोई न कोई हिम्मत तोड़ जाता हैं.....
जन्म भर साथ चलने का सपना दिखा, मतलब पूरा होते बीच राह में छोड़ जाता हैं....
अरे तेरे जाने का कोई गम नही हमे, आखिर सफ़र तो अकेला ही तय करना हैं....
बस बता दियो अपने रंग दिखाने की तारीख, सम्भल जाएँगे बस इतने दिनों में बिखरना हैं....-
जीवन की जद्दोजहद
जिस जीवन को अनोखा बनाने की जद्दोजहद में लगे पड़ा हैं हर इंसान.....
उसकी कीमत तो बहुत हैं पर आख़िर में वो हैं बस एक मेहमान....
क्या पैसा क्या शौहरत आखिर क्या रह जाता हैं साथ मे...
चंद लकड़ियों पर जल जाना हैं और राख रह जाती हैं हाथ मे.....
भूल जाते हैं हमलोग अपनो को बस लग जाते हैं शान बनाने में....
घर मजबूत बन जाता हैं पर पड़ जाते कमजोर रिश्ते निभाने में...
समझ आ रही हैं ये बातें अब बस औरों को भी समझाना हैं...
इस अनिश्चित जीवन का असली मोल दुनिया को समझाना हैं.....-
Want someone who can hold my hands without any hesitation....
Want someone who can deal with my any sort of agitation....
When I break down due to failure, someone standing beside me motivating.....
When I achieve something, they should be the first one celebrating....
I want myself to become that someone who can back me when no one is there for me....
I want my inner soul to guide me to my destiny inspite of acting like a dummy...
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हमेशा चाहा हैं मैंने किसी का दिल मेरी वजह से न दुखे,
पर लोग मेरी इस कोशिश को हर पल नज़रअंदाज़ कर रहे.....
जिनकी खुद की पहचान दूसरों की गलतियाँ निकाल कर हैं बनी,
आज वो हमसे हमारी औकात की बात कर रहे.....
भूल जाते हैं लोग आपकी सौं कामयाबियों को एक क्षण में,
बस आपकी एक भूल का हैं उनको के हरपल इंतेज़ार...
लोगो को नजरअंदाज कर बस अपने लक्ष्य की ओर बढ़ो,
उनके तानों का जवाब आप नही अब देगा कल का अखबार....
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