जिनके लिए रोए थे हम,
वो हमारे आंसुओं का सौदा लाए हैं
मर मिटे थे हम जिनपर,
वो अपना जिस्म बांट कर आए हैं-
सुलग रही हैं जिंदगी सिगरेट की हर धुएं के साथ,
तुम मेरे न हुए तो क्या हुआ,
मैंने इसे ही अपनी जिंदगी बना ली— % &-
अच्छा-बुरा, सही-गलत चाहे जैसा भी था
पर कल का दिन तो याद हैं तुम्हे ?
कल 5 दिसंबर हैं, याद आया 2010
कल वोही दिन हैं, जब हम दोनो एक हुए थे ।
जाते जाते एक बात बताती जाओ
क्या इतने सालो में हमारी कमी महसूस नहीं हुई तुम्हे ?
क्या आगे बढ़ जाना इतना आसान होता हैं
अगर होता है तो, हम क्यों नहीं बढ़ पाए ?
या सायद हम बढ़ना ही नहीं चाहते थे,
या फिर तुम्हारी बात ही कुछ और थी ।
पर सच तो ये हैं की, दरअसल
कोई तो होना चाहिए ना जो हमारी कहानी बयां कर पाए
सायद इसलिए हम वहीं खड़े हैं, तुम्हारे इंतजार में
पके हुए बालों और बढ़ी हुई दाढ़ी को देख कर अंदाज़ा हुआ
की अरसा बीत गया तुमको चाहते हुए ।
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The worst part of today's life is that, you are not really important to anyone. You are only important when it comes on them. You are only important to them when they are at their lowest and when things get onto normal, boom, they are gone. They really don't care about you, all they care is for themselves. And the truth is, if they need to murder you for their survival, they will, without any hesitation.
And still after knowing this reality, people like us stand by them because neither we are like them, nor we can be.
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भूल के भी मत लौटना कभी
तुम्हारी परछाईं से भी नफ़रत हो गई हैं अब,
इश्क़ तो हमारा सिर्फ तुमने देखा था
नफ़रत पूरी दुनिया देखेगी
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ठहरो ! तुम मुझे खुद में मत मिलाओ
वफ़ा-फरहमोश, घमंडी, स्वार्थी, गद्दार हो तुम
मैं तुम जैसा नहीं हूं ।।
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एक वक्त था, जब तुझसे प्यार करता था
अब तो तू खुद मोहब्बत बन चली आए तो मुझे फर्क नहीं पड़ता,
एक वक्त था, जब तेरी परवाह करता था,
अब तो तू मेरे खातिर फना भी हो जाए तो मुझे फर्क नहीं पड़ता ।
अपने हुस्न के सिवा कुछ नहीं हैं तेरे पास अगर,
तो जा, तू किसी के साथ हम-बिस्तर भी हो जाए
तो मुझे फर्क नहीं पड़ता ।।
अरे ! इतना गुरूर किया तुमने अपने इस मिट्टी के जिस्म पर,
तो फिर जा, तेरा ये जिस्म किसी और का हो जाए
मुझे फर्क नहीं पड़ता,
अब फर्क नहीं पड़ता ।।-
इश्क़ बेहद जरूरी हैं ज़िंदगी के लिए
पर ये ज़रूरी नहीं की वो उम्र भर आपके साथ रहे,
लेकिन एक चीज जो आपके साथ उम्र भर रहेगी वो हैं
आप और आपका आत्म-सम्मान
ज़ाकिर ख़ान-
भुला देंगे आपको
ज़रा सब्र तो कीजिए,
आपकी तरह मतलबी होने में
थोड़ा वक्त तो लगेगा ।।
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क्या हुआ ? आज-कल बड़ी उदास सी रहती हो,
मैं ठीक हूँ, ये झुठ सबसे क्यों कहती हो ?
जो कभी बातूनी हुआ करती थी,
मुझे छोड़ने के बाद जो किसी और पे मरती थी,
आज उसका टूट जाना क्या महज़ एक इत्तफ़ाक़ हैं
या एक जैसे ही हम दोनों के हालात हैं ?
सुना हैं, आज-कल वो चुप-चाप ही रहती हैं
पर सब कुछ वो अकेले कैसे सहती हैं ?
उसके खुश चेहरे में कुछ दिखावट सी हैं,
ऐसा लगता हैं, उसके हंशी में कुछ मिलावट सी हैं
चाहे जो भी हो, वो खुश रहे यही दुआ करता हूँ
प्यार नहीं हैं अब मुझे उससे पर....❤️
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