पता है यह कोरा कागज कोरा क्यों है
यह मैं हूं प्रिये,
मैं तुम्हें हमेशा खाली ही मिलूंगा
प्रेम हूं ऐसा ही हूं
तुम लिख देना,
प्रेम हूं प्रिये,
प्रेम गहन स्वीकार है-
वैसे जो हम बोलते हैं, वह हम असलियत में होते हैं क्या? मुझे लगता है फर्क होता ... read more
ज़रूरी नहीं हर जवाब किताब ही देगी
कुछ जवाब आँखों में तैरते हैं, पढ़ लेना कभी।-
जुनैद कर के सूफी फ़कीर थे, अपने शिष्यों के साथ चलते थे। पैर में उनके रास्ते पर ठोकर लग गई।
अँगूठा अब लहूलुहान है,
पर वह नीचे बैठ गए और
कहने लगे, "हे परमात्मा,
तू कितना दयालु, कितना दयावान है!"
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मेरे दोस्त महबूब से दिल लगता है,
इश्क में आशिक, माशूक, बंदा, खुदा—
ऐसा सफर करता है।
कोई सीढ़ी चूकना मत दोस्त—
उसकी बिंदी भी नहीं,
उसकी रूह भी नहीं।
सफर तो खुद के खुदा तक आने का है,
फकीर इस सफर में पहले आशिक ही रहता है।-
ऐसे मौसम में
जब बारिश की बूंदें तन को भिगोती हैं
मेरे हमदम लगता जैसे
तू मेरे कांधे पर सिर रख सो जाती है
वैसे तुझसे मिले अरसा गुज़र गया मगर
हर साल बारिशों के संग मुझसे मिलने तू आती है
इस जहां में किधर हो मोहब्बत मेरी
मैं ढूँढता भी नहीं शायद
अब मुझे ये बरसात पसंद आती है
पता है मुझे ज़माने की हकीकत अवधूत
हकीकत से ज़्यादा तेरी वो मुस्कान
पसंद आती है।-
जिन्दगी मेरा ही विस्तार है, हाँ मेरा, मैं जैसा हूँ वैसा मेरा संसार है।
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ज़ेन कहावत है कि अगर पानी बहुत साफ है,
तो मछली उसमें जिंदा नहीं रह सकती।
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आस्था का स्वयं से ही वास्ता होता है
जीवन का रहस्य अपने अंदर झांकने से उजागर होता है
पर जिसकी जितनी आस्था स्वयं तक उतना ही सफर होता है-
मुश्किल हल हो ही जाती है,
मुश्किल तुम्हें आसान बनाने ही आती है।
मुश्किल से ना घबराना मेरे दोस्त,
शायद जीवन तुमसे कुछ और चाहता है।
मुश्किल तुमको तैयार कर जाती है,
मुश्किल उस बाप की थाप है,
जो तुम्हें आत्मनिर्भर बनाती है।
मुश्किल जैसे आग में निखरना है,
तुमने देखा, सोने को चमक उसके बाद ही आती है।
हर कोई अनोखा, हर कोई अपना संदेश लिए है यहां,
अस्तित्व माता जैसा है, अपना संदेश कैसा देना है,
मुश्किल देके सिखा जाएगी।
अपने जीवन को गौर से देखना मित्र,
शायद काम चल रहा है, अभी मुश्किलें तो आएंगी।
इस जीवन में हम हमारा स्वभाव शायद भूल गए हैं,
स्थिरता, प्रेम हमारा स्वभाव है, अवधूत।
एक बार उसे जान लिया,
तब मुश्किलें धन्यवाद देके विदा हो जाएंगी।-
❤️ बिखरा तो किधर जाऊंगा
इश्क हूं सुधर जाऊंगा
तू मेरी फिक्र ना करना
फिक्र को फिक्र से बेफिक्र कह जाऊंगा
💐 तू खबर दे देना
इश्क ना सही ज़हर दे दे ना
वैसे अफ़सोस को अफ़सोस होता
तू मगर मेरे अफ़सोस की खबर ना लेना
❤️ हाल पूछती हो, तो अच्छा हूँ,
सवाल पूछती हो, तो अच्छा हूँ।
कल ज़हर खा के बच गया, वह कौन था?
अगर पूछती वह कौन था, तो अच्छा हूँ।-