I'm May
He is August,
We met in July.
What about Yours?-
बहुत ही असहनीय दर्द होता है उस इंसान के साथ रहना ,
जो आपका होने का दावा तो करता है पर,
उसके जीवन में आपकी जगह नहीं है,
जो आपकी कद्र नहीं करता,
उसके लिए आपकी feelings का कोई मोल नहीं है,
फिर भी मैं अक्ल की मारी न जाने क्यूं उसपे जान छिड़कती हूं...-
इन लबों की मुस्कुराहट कहीं खो गई है
किसी की नजर लग गई है या
तुम सचमुच में छोड़ गए हो...-
तुम्हारे जाने के बाद...
मेरा दिल जो कि एक घर था
तब्दील हो गया है, एक "वीरान सी खंडहर" में
जिसमें से सुनाई पड़ती है एक "चीख", उसमें कैद तुम्हारे दिखाए सपनों और वादों के टूटने का जो तुमने किए थे
वे फूल जो तुम्हारे एहसास से खिले थे, सुख गए हैं
हमारे प्यार से बनी ये दीवारें भी बेरंग हो गई है
तुम्हारे लौट आने की आशाओं पर मकड़ियों ने जालें लगा दिए है
ये खंडहर बना दिल समेट रखा है एक इतिहास
यादों के उन लम्हों के रूप में जो हमने संग गुजारे थे...
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तुम... मेरे जीवन में...
वो सोंधी खुशबू हो जो मौसम की पहली बारिश का जमीं से आकर मिलने से उत्पन्न होती है।
वो राहत दे जाने वाली गुनगुनी धूप हो जो उस ठंड की कंपकपाती रात के बाद सुबह में मिलती है।
वो खुशी हो जैसे हवाओं के सरसराकर बहने पर पेड़ के पत्ते और खेत में लगी हुई फसलें झूमती है।
वो शीतल छाया हो जो कड़कड़ाती धूप में राहत दे जाती है।
हां, तुम बहुत खास हो मेरे जीवन में...-
ये Smartphone की दूनिया है साहब
अब बच्चे आँख-मिचौली, छुपन-छुपाई की जगह PUBG खेलते हैं....
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कब अपना बन गया था पता ही न चला...
दिखाकर इन आँखों को हजारों सपने
वो फिर से अजनबी बन गया......-
इस अंजान शहर में...
यहाँ लोगों की भीड़ है बहुत
पर न है कोई अपना...
न माँ प्यार, न पापा की डाँट,
न भाई-बहन के झगड़े,
न जान से भी प्यारे दोस्त,
बस है तो भीड़ ही भीड़,
और इस भीड़ में सभी अकेले...
अपनी-अपनी smartphone की दूनियाँ के साथ...
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