Avantika Kesarwani   (PRANJALI)
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Joined 6 February 2024


Joined 6 February 2024
27 MAY AT 13:37

।।स्वयं की तलाश में एकांत जरूरी है।।

एकांत में बैठे कुछ यूं हम
अपने प्रश्नों के उत्तर स्वयं ही ढूंढते हैं
एकांत में बैठे हैं हम कुछ यूं
अपने आप से बातें कर रहे हैं
एकांत में बैठे कुछ यूं हम
खुद को समझने का पूरा प्रयास कर रहे हैं
एकांत में बैठे हम कुछ यूं
अंतर मन की शांति तलाश कर रहे हैं
एकांत में बैठे हैं कुछ यूं
हम खुद की खुशी को तलाश कर रहे हैं
एकांत में बैठे हैं हम कुछ यूं
हम चाहते हैं क्या और क्या नहीं ये विचार कर रहे हैं
एकांत में बैठे कुछ यूं हम
लोगों के बारे में ना सोच कर खुद के बारे में सोच रहे हैं
एकांत में बैठे कुछ यूं हम
लोगों की मर्जी नहीं खुद की मर्जी चुन रहे हैं
एकांत में बैठे हैं कुछ यूं हम
स्वयं की तलाश कर रहे हैं
स्वयं की असलियत की स्वयं को बता रहे हैं।
।।राधे राधे।।

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27 MAY AT 12:55

कैमरा मुस्कुराते चेहरे को दिखाता है
और आईना उस मुस्कुराते चेहरे के
पीछे का सच दिखाता है
कैमरा सुंदर नेत्र दिखता है
और आईना उस नेत्र में कितने
आंसू भरे थे वो दिखाता है
कैमरा खूबसूरती को दिखाता है
और आईना उस खूबसूरती के
पीछे छिपे दाग हो दिखाता है।
।।राधे राधे।।

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26 MAY AT 21:29

किताबों से इतना इश्क होगा
इनको पाने का पढ़ने का इतना जुनून होगा।
कभी सोचा नहीं था
किताबें इतना कुछ सीख जाएंगी
जिंदगी जीने का सलीका बात जाएंगे।
कभी सोचा नहीं था
किताबों को पढ़कर मुस्कुराएंगे
खुद को खुश कैसे रखना है ये सीख जाएंगे।
।।राधे राधे।।

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26 MAY AT 20:03

कीचड़ में भले ही कमल खिलता है
पर कीचड़ का अंश मात्र कमल पर ना दिखता है
कमल इतना पवित्र होता है
कि ईश्वर के चरणों में जाकर मिलता है
प्रतीक होता है कमल शुभता का पवित्रता का
प्रिय होता देवियों को चढ़ता है मां लक्ष्मी मां सरस्वती को
कमल सा बना हमको भी है
कीचड़ में रहकर खिलाना भी है
कीचड़ में रहकर भी कीचड़ के प्रभाव से दूर रहना हमें है
अपने पवित्रता को बरकरार रखना कुछ यूं हमे है
कीचड़ उछलते भले लोग हम पर
हमें उसे कीचड़ को अपनाना है
और खुद को कमाल दिखाकर उसकी जड़ में ही खिल जाना है
दिखना है उनको कीचड़ भले ही फेक वो हम पर
हम कमल हैं हमे उस कीचड़ में भी खिलना आता है।
।।राधे राधे।।

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26 MAY AT 19:43

जो सच्चाई रूपी आईने को दिखाती है
कौन इसका कितना अपना है ये बतलाती है
सिखाती है दुनिया में रहने का सुलेख ये
गिर कर उठना कैसे है ये समझती है
सामना कैसे करना है परिस्थितियों का
ये वक्त वक्त पर हमें बताती जाती है
और खड़े कैसे होना है खुद के लिए हमें
इस बात को हमें बहुत ही अच्छी तरीके से सीखते हैं।
।।राधे राधे।।

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26 MAY AT 19:28

उल्फ़त हुई जब से खुद से तब से समा खूबसूरत हो गया।
।।राधे राधे।।

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26 MAY AT 19:19

और जो पूरे हो जाए वो ख़्वाब थोड़ी,
वो तो हकीकत बन जाते हैं।...
।।राधे राधे।।

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25 MAY AT 12:58

कभी कभी लगता है कि बाते करते रहे हम,
कभी कभी लगता है कि मौन होकर खुद के बैठे हम,
कभी कभी लगता है कि खुद को भी खुश करे हम,
कभी कभी लगता है कि खुद ले दिल की भी कुछ करे हम,
कभी कभी लगता है कि खुल के ज़िंदगी को जिए हम,
कभी कभी लगता है कि खुद के साथ अकेले वक्त बिताए हम,
कभी कभी लगता है कि कुछ गुनगुनाए हम जरा मुस्कुरे हम,
कभी कभी लगता है कि बच्चे बनकर बचपने को फिर से जिए हम,
कभी कभी लगता है कि बेफिक्री से जिए हम,
कभी कभी लगता है कि.......।
।।राधे राधे।।

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25 MAY AT 10:30

प्यार को प्यार से आसानी से समझना इतना आसान नहीं
प्यार को धैर्य के साथ समय देकर समझना आवश्यक होता है।
।।राधे राधे।।

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25 MAY AT 10:12

किसी की बातों को याद करके
चेहरे पर प्यारी सी मुस्कुराहट आ गई
किसी की यादों में खोकर
खिलखिला कर मुस्कुरा उठी
किसी को सामने देख कर
लज्जा से मुस्कुरा वो दी
किसी की नजरों में खुद को देखकर
मुस्कान आई इन होठों पर
किसी के चेहरे पर मुस्कान देखकर
खुद के चेहरे में भी मुस्कान आई।
।।राधे राधे।।

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