Avanish Arya   (##आर्या## —)
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Joined 4 February 2022


Joined 4 February 2022
5 HOURS AGO



मासूमों ने अपने जीवन के बस कुछ ही साल बिताए थे
नन्हे जीवन के सैर में ही शोलों में जलने आए थे
कर्मों के फल का योग था ये या कोई अलग कहानी थी
नियति बेरहम क्या थी इतनी खुशियों को छलने आए थे

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12 JUN AT 8:50


बहुत बेदर्द थी हमदर्द मेरे मनमानियाँ तेरी
मेरे हाल का तो ख्याल जरा भी नहीं दिखा

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7 JUN AT 18:30


गर है जो मोहब्बत तो जरा भी ना रोकिए
बस एहतियात से प्यार का इजहार कीजिए

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6 JUN AT 23:31

कभी बेजुबान हो जाते थे माँ बाप के डाँट पर
वो चुप चाप रहने वाले नसल अब आख़िरी है

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19 MAY AT 10:49

तू खुश है तेरी बेवफ़ाई के क़सीदे में

मैंने हर दफ़ा माँगी है तेरी ख़ुशी वज़ीफ़े में

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19 MAY AT 10:45


हरे भरे पेड़ से पत्तों को झड़ते देखा है
मैंने वक्त देकर भी रिश्तों को बिगड़ते देखा है

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16 MAY AT 21:57


हालात ने खिलवाड़ किया इस कदर मुझसे
के साये ने साथ छोड़ दिया रात देखकर

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16 MAY AT 11:41

उसके मुकरने पर कसमे बेजान हो गयी
मेरे चले जाने से मुश्किलें आसान हो गई

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15 MAY AT 12:26


मुकर जाने का हुन्नर खूब लाज़वाब रखता है
मेरा घर फूँक कर वो ख़ुद का आबाद रखता है

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15 MAY AT 12:18

आँवारा बना के छोड़ जाती है दिल्लगी

फिर सारी उमर तड़प में कटती है ज़िंदगी

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