मासूमों ने अपने जीवन के बस कुछ ही साल बिताए थे
नन्हे जीवन के सैर में ही शोलों में जलने आए थे
कर्मों के फल का योग था ये या कोई अलग कहानी थी
नियति बेरहम क्या थी इतनी खुशियों को छलने आए थे-
Avanish Arya
(##आर्या## —)
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Joined 4 February 2022
5 HOURS AGO
12 JUN AT 8:50
बहुत बेदर्द थी हमदर्द मेरे मनमानियाँ तेरी
मेरे हाल का तो ख्याल जरा भी नहीं दिखा-
6 JUN AT 23:31
कभी बेजुबान हो जाते थे माँ बाप के डाँट पर
वो चुप चाप रहने वाले नसल अब आख़िरी है
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19 MAY AT 10:49
तू खुश है तेरी बेवफ़ाई के क़सीदे में
मैंने हर दफ़ा माँगी है तेरी ख़ुशी वज़ीफ़े में
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19 MAY AT 10:45
हरे भरे पेड़ से पत्तों को झड़ते देखा है
मैंने वक्त देकर भी रिश्तों को बिगड़ते देखा है-
16 MAY AT 11:41
उसके मुकरने पर कसमे बेजान हो गयी
मेरे चले जाने से मुश्किलें आसान हो गई-
15 MAY AT 12:26
मुकर जाने का हुन्नर खूब लाज़वाब रखता है
मेरा घर फूँक कर वो ख़ुद का आबाद रखता है
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15 MAY AT 12:18
आँवारा बना के छोड़ जाती है दिल्लगी
फिर सारी उमर तड़प में कटती है ज़िंदगी
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