Ãv Abhinav   (© A.V)
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Fully in mood of sarcasm
Joined 12 November 2018


Fully in mood of sarcasm
Joined 12 November 2018
29 APR 2024 AT 14:15

उसकी अदाओ के किस्से न पूछो जनाब
वो दिल बांध लेती है बाल बांधते हुए .....

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13 JAN 2024 AT 10:11

न हवस तेरे जिस्म की थी,न शौक तेरे खूबसूरती की ,बेमतलब सा बंदा था तेरी सादगी पे मरता था

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25 NOV 2023 AT 12:18

तुम्हारा तो पता नही पर मेरा दिल
बहुत तरसता है तुमसे बात करने को

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1 SEP 2023 AT 16:26

ये फासले उल्फत में कम क्यों नही होती
तुम हो मैं हु ,ये आखिर हम क्यों नही होते

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28 AUG 2023 AT 8:35

खामोश से ये माहौल है बेचैन सी ये करवटे
ना आंख लग रही है ना रात काट रही है

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17 AUG 2023 AT 12:19

मुझसे दूर हों इसका सिकवा नही मुझे
किसी और के करीब हो ,ये बर्दास्त नही

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14 AUG 2023 AT 12:59

नींद से भी गिरते है आँशु आंख से
तुम ख्वाब में भी मेरा साथ छोड़ देते है

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14 AUG 2023 AT 11:38

स्त्री 'देह' से बढ़ कर भी है
क्या तुमने कभी पढ़ा उसका 'मन'
अगर पा सको कभी एक स्त्री का मन तुम
तो तुम्हारे पौरुष की सभ्यता बढ़ जाएगी

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11 AUG 2023 AT 6:18

चाहे लाख मिठास हो तेरे लहजे में
तेरा औरों से बात करना ज़हर सा लगता है

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9 AUG 2023 AT 17:55

मेरे हाथ महकते रहे तमाम दिन
जब ख्वाबों में जुल्फे सवारे मैंने
(Soulmate angel )

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