आंखो में नमी लिए और होठों पर मुस्कान,
एक मुस्कराहट होते हुए भी खुशियों से अनजान
ये चेहरे की चकाचौंध दिखावा है फरेब है
असल में दिल का मंजर है जैसे एक शमशान-
रोना ग़र जरूरी ना होता ज़माने में तो
ख़ुदा ने आंसू ना बनाए ह... read more
इकरार ए मोहब्बत में गुलज़ार बन गए
मुस्कराहट पर कितने घर बार लुट गए
ये खूबसूरत निगाहों कातिल बड़ी हैं
वो कातिल निगाहों से वार कर गए
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उसने हंस के हमे देखा, मज़ा आ गया।
उन निगाहों ने हमको रोका, मज़ा आ गया।
बेइंतिहा उनसे इश्क किया करते थे हम।
जब इश्क बेवफ़ा पाया, मज़ा आ गया।-
इन खुशबुओ में तेरा एहसास ढूंढते फिरते,
तुझे पाने की आस में हर हद से गिरते,
अगर तू होता तो ऐसे ना खोते हम,
बाहों में तेरी बड़े चैन से सोते हम।
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ऐसी अदाएं ना मारा करो।
लड़कों को ऐसे ना ताड़ा करो।
मासूम से हम सब ने किया ही क्या है?
थोड़ा तो ख्याल हमारा करो।
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भले ही अहमियत ना हो उन्हें अभी दिल्लगी का,
पर एक दिन आंसू उनकी आँखों में भी आयेंगे।
जैसे रुसवा हुए है हम अभी आशिकी में,
उन्हें भी हम यूँही तन्हा कर जाएंगे।-
बात ना करने से बातें खत्म नहीं होती,
प्यार ना करने से आशिकी दफ्न नहीं होती।-
अब ये रिश्ता इतना नाज़ुक हो गया है
कि शब्दों के बाड़ो से टूटने के कगार तक आ गया हैं
तो अब मैं क्या ही बोलूँ ?-
अपने दिल का सोच लिया आपने,
हमारा क्या होगा ?
ये भी अगर सोचा होता,
तो हमारी खुशनसीबी होती-
प्यार कभी खुद गर्जी का दूसरा नाम नहीं होता।
जिनमे खुद गर्जी रग रग में बसा हो,
उनमें कभी प्यार नहीं होता।-