यही सच हैं दुनिया का
राम सीता केवल कथा है अब,
नही सार है जीवन का।
कहता है मन, छुपा राम है ,
अंदर कही मेरे भी।
जगा विश्वास और जगा राम को,
बदल दुनिया को अब तू ही।
दुनिया बुरी जब लोग बुरे है
भला बन तो भला जग भी ।
कथा अगर है,तो सत्य नहीं..
यह सत्यता स्वीकार्य नही।
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