तुमसे टूटे तारों को मैं पुनः जोड़ ही लूंगा,
जो उल्टी बहती हवा है ये मैं इसको मोड़ ही लूंगा।
मैं घोर देहाती लड़का हूँ,
मेरी कोई पहचान नही,
ये प्यार व्यार क्या होता है,
मुझको इसका भी ज्ञान नही,
तुम मेरी बस मेरी ही हो,
इसका भी कोई अभिमान नही,
तुम पहले मेरी हो तो लो,
मैं बाद तुम्हारा हो जाऊंगा।
तुमसे टूटे तारों को....
~~मयकश~~
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