Atul Saxena   (अतुल ✍️)
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Joined 4 February 2022


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21 FEB 2023 AT 0:01


आप जैसे सोचते हैं वैसे ही बन जाते हैं
आपके विचार ही आपका व्यक्तित्व ,
आचरण एवम व्यवहार निश्चित करते है

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19 NOV 2022 AT 10:26

जिस दिन आप हालात को दोष दिए बिना खुद से संघर्ष करना सीख जाएंगे, यकीन मानिए, उसी दिन से आप जिंदगी जीना सीख जाएंगे।

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10 NOV 2022 AT 11:59

निकल पड़ा पथिक आंखों में सपने लिए
कुछ खुद के लिए तो कुछ अपनो के सम्मान के लिए

कि मिल जाए कोई सफलता की मंजिल क्योंकि
जिस पर पूरे परिवार की उम्मीदों का भार है

वोह क्या जाने यहां तो कदम कदम पर
हर एक शाख पर काबिलियत न देखकर
सिर्फ रोजगार का अंधा व्यापार है

रहे जाती है लाख हसरतें यूं ही दिल में घुटकर
वह तो काबिल होकर भी फिर भी लाचार है

यहां तो हर सफलता की सीढियों पर बैठा
भ्रष्ट समाज का वह बीमार इंसान है
जो दौलत का भूखा है क्या वास्तव में वह इंसान है

दोष तो पथिक का नहीं है
दोष तो उसकी किस्मत का है
वह नही जानता कौन सच्चा है कौन किस मत का है

इसलिए काबिल होकर भी रहे जाती है लाखो हसरतें यूं ही दिल में दफन
और लोग कहते उसको कुछ नही होगा तुमसे
वोह क्या जाने कहेंगे वाले कि यहां फैलाए बैठे है
हर एक हसरतों के ऊपर भ्रष्ट लोगों के नागों के फन

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18 OCT 2022 AT 20:19

वह है जिसको दुनिया कमजोर समझती है
किंतु वह भूल क्यों जाते है कि
उसके द्वारा ही सारी दुनिया पाली जाती है
औरत की नजाकत.......
वह है जो एक मां के रूप में खुद भूखी रह कर
अपने बच्चों की भूख मिटाती है
औरत की नजाकत ....
वह है जो एक बहन के रूप में अपने भाइयों की
हमेशा सलामती चाहतीं है
औरत की नजाकत....
वह है जो एक पत्नी के रूप में अपने पति की
हरदम उन्नति होते देखना चाहती है
औरत की नजाकत....
वह है जो एक शिक्षिका के रूप में अपने शिष्यों को
सही मार्ग पर चलना सिखलाती है
औरत की नजाकत .....
वह है जो एक चिकित्सक के रूप में अपने मरीजों के प्राण बचाती है
औरत की नजाकत......
वह है जो अपनो के हित के खातिर ही
कठिन मार्ग पर चलने से भी नही घबराती है
औरत की नजाकत .....
वह है जो राष्ट्र हित में बराबर योगदान देकर
कल के स्वर्णिम भविष्य का सूरज उगता हुआ दिखलाती है

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17 OCT 2022 AT 8:27

उसको अवसर की भांति स्वीकार करें क्योंकि
"उपलब्धि" और "आलोचना" एक दूसरे के "मित्र" हैं "उपलब्धियाँ" बढ़ेगी तो "निश्चित" ही आपकी "आलोचना" भी "बढ़ेगी"

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13 OCT 2022 AT 13:24

नारी सुंदर है तो नारी शक्ति भी है
नारी में ही परम त्याग जैसे मीरा सी भक्ति भी है

नारी से ही ये समाज नारी से ही हमारी संस्कृति है
नारी से ही विश्व कल्याण नारी से ही विश्व जागृति है

नारी को न समझो कमजोर तुम नारी सर्व सक्षम बलशाली है
नारी ही सरस्वती दुर्गा और महाकाली है

नारी जैसा अमिट प्रेम नारी दरिया को भी समुंद्र तक ले जा सकती है

नारी वह सावित्री है जो यमराज के पास से भी
अपने पति सत्यवान के प्राण वापस ला सकती है

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13 OCT 2022 AT 10:50

यही बयां करती है कि...
जिंदगी जीने के लिए बनी है ,
इसे सोचने में ना गुजारे।।

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11 OCT 2022 AT 1:22

जो मिल गया उसी को मैं भाग्य समझता गया
जो खो गया उसे मैं भुलाता चला गया
आज जो है उसी को सर्वश्रेष्ठ समझो खुद के लिए
और जो नही हैं उसके लिए प्रश्न भी ना करो बल्कि
मेहनत से उसको पाने की सोचो
क्योंकि वक्त बीतने के बाद कभी नही वापस आता

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8 OCT 2022 AT 16:22

जिसके नाम से ही अस्तित्व हमारा है
पिता वो सहारा है....
जो तुमको जीवन में विजयी बना कर
खुद हारा है
पिता वो सहारा है .....
जिसने भूतकाल में अपने जीवन संघर्षों को
भोग कर अपने बच्चों का भविष्य संवारा है
पिता वो सहारा है.....
जिसके होने से जीवन जीने का
अनुभव सबसे प्यारा है
पिता वो सहारा है .....
जिसके न होने से हर किसी का
जीवन बेसहारा है ।।

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8 OCT 2022 AT 16:07

जीवन के सार में इतना मत लीन हो जाना कि
मानवता के सार को ही भूल जाओ
और भविष्य की चिंता में इतना मत डूब जाना कि
वर्तमान का ही अस्तित्व भूल जाओ

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