Atul Kumar Baranwal   (atulkealfaz)
20 Followers · 13 Following

read more
Joined 29 May 2018


read more
Joined 29 May 2018
20 JUN AT 8:48

मुझे नहीं आता
तुझसा मतलबी होना
मैं बेमतलब ही
लोगों से मिल लेता हूं
ख्वाहिशों का क्या है,
आज है, कल नहीं
मैं ख्वाहिशों के दरमियां भी
लोगों से मिल लेता हूं
आसां नहीं होता है
वक्त को कैद करना
मैं वक्त की कैद में भी
लोगों से मिल लेता हूं
जंजीरों में बांध के मै
रिश्तों को नहीं रखता
मैं बिना रिश्तों के ही
लोगों से मिल लेता हूं

-


19 JUN AT 2:25

काँच के टुकड़ों में देखकर तेरा चेहरा,
मेरी लेखनी भी रुक जाती है
याद आती है तेरी हर नगमें में
तेरा जिक्र कर जाती है
हथेली पर समेटता हूं,
मै बारिश की बूंदों को
बारिशें फिर से आती हैं,
बूंदों को बहा ले जाती हैं
फिर शाम होती है
तेरे नाम होती है
दियों के उजालों में
कुछ अक्स आते हैं
तेरा जिक्र होता है
बस तुम ना होते है
फिर रात आती है
चांदनी छा जाती है
भोर की तन्हाई में
तेरी याद आती है

-


14 APR AT 2:40

टूटे हुए ही अच्छे हैं हम
जुड़ गए तो लोग फिर से तोड़ देंगे
पल पल बदलती इस दुनिया में
अकेला फिर से छोड़ देंगे
खता क्या हमारी, हमे ये भी ना पता
पर हर खता का इल्जाम वो हम पर ही छोड़ देंगे

-


10 APR AT 21:55

जिन्हें हम मोहब्बत समझते थे,
वो हमें दोस्त भी नहीं मानते
फिर
फिर क्या, हम शून्य हो गए

-


7 APR AT 3:31

मुरझाया सा मैं, खिली सी तुम,
मर जाऊं मैं, तो खुश रहो तुम।

-


20 JAN AT 1:46

आज मुद्दतों बात उससे मुलाकात हुई
तो दिल फिर न धड़का था
होती थी कभी जो बेचैनियां
आज फिर न हुई
अब उसे देख कर पाने की चाहत नहीं होती है
सच है, कुछ कहानियां अधूरी ही अच्छी होती हैं।

-


9 JAN AT 1:28

इंतजार क्या है, इंतजार क्या है,
ये पूछो उस जमीन से जो तरसती है पानी की एक बूंद को,
कैसा लगता है उसे जब घिर के आते हैं बादल और फिर चले जाते हैं........ ......................... ✍️
इंतजार क्या है, इंतजार क्या है,
ये पूछो उस हवा से जो चलती है बिना राहों के मंजिल की तलाश में,
कैसा लगता है उसे जब दिशा भटकने से पश्चिम का सूरज सुबह का एहसास करा जाता है........ ......................... ✍️
इंतजार क्या है, इंतजार क्या है,
ये पूछो उस भोर से जो मचल जाता है सूरज की लाली को देखकर,
कैसा लगता है उसे जब सूर्य की लाली बिखरने से पहले काली रात फिर छा जाती है........ ......................... ✍️

-


25 DEC 2024 AT 2:34

जिसे सब कुछ मिल गया
उसे भी ग़म होगा
जिसे कुछ न मिला
उसे भी ग़म होगा
फितरत है ये ग़म की
न चाहो तो भी ग़म होगा

-


25 NOV 2024 AT 20:59

टूट जाना तो मुझसे गिला मत करना
मैने बहुत कोशिश की थी तुम्हे संभालने की

-


16 NOV 2024 AT 1:03

वक्त के साथ बदल जाती हैं, ख्वाहिशें
जो तुम बदल गए, तो क्या बदल गया

-


Fetching Atul Kumar Baranwal Quotes