Atul Gupta   (अतुल्य | Atul Gupta)
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दिल्ली वाले सब बुरे नहीं होते
कुछ शायर भी होते है
Joined 9 November 2018


दिल्ली वाले सब बुरे नहीं होते
कुछ शायर भी होते है
Joined 9 November 2018
2 SEP 2023 AT 0:20

मेरी ख़्वाईश है कि, मैं फिर कागज़ कोरा हो जाऊं।
कोई माफ करे तो, मैं भी दामन से गोरा हो जाऊं।।

कई लांछन लगाए है किसीने इस चेहरे पर।
अब चेहरा कैसे बदलूं मैं, क्या आईना हो जाऊं।।

ए दुनिया अब मैं बेगुनाह साबित हो गया हूँ,
क्या फिर तेरा हो जाऊं।
स्याही लिखा कागज़ हूँ मैं, कैसे कोरा हो जाऊं ।।

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16 DEC 2022 AT 11:16

जब-जब नज़र उठाई किसीने जम्बूद्वीप की घाटी पर
मिट्टी कर डाला उसको, हमने उसी की माटी पर
इतिहास याद करे दुनिया, जब हमने शस्त्र उठाये थे
एक नए सूरज को हम दुनिया के पटल पर लाये थे
और जो भी यह कहता हो, की भारत क्या ही कर लेगा
याद रहे हम ही थे जिसने सिकंदर खाली हाथ लौटाए थे

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15 DEC 2022 AT 1:21

नफरत के कुछ बोल किसीके
तलवार सा सीना चीर गए
और दिल कुछ यूं घायल हुए
जब नज़रों के उसमे तीर गए

हम थे जैसे वैसे न रहे
कितने अरसे अब बीत गए
कुछ अपनो से हारे हम
कुछ दुश्मन हमसे जीत गए

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22 AUG 2022 AT 13:33

थोड़ी ज़िद ज़रूरी है
थोड़ा ऐतबार ज़रूरी है
इश्क़ की कश्ती में
कई पतवार ज़रूरी है

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26 JUL 2022 AT 10:32

हमारी चुपी को किसीने कमज़ोरी समझ लिया था
भीख में मिली ज़मीन को जागीर समझ लिया था
आज भी हिंदुस्तान में भगत और आज़ाद है
सारी आवाम को किसीने गांधी समझ लिया था

हमारी शौर्य गाथा का परिणाम गणतंत्र हमारा है
परेड के हथियारों को झांकी समझ लिया था
कुछ बेसाकियो के सहारे कोई चलके दूर तक आया था
अपनी बेसाकियो को किसीने पैर समझ लिया था

जब जब आँखें उठाई किसीने, हमने शीश काटे है
सिंह की दहाड़ को किसिने गीदड़ भापकि समझ लिया था
कारगिल के साहस का, आज यह दिन सुन्हेरा है
जब किसीने दरियादिली को कायरता समझ लिया था

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15 JUL 2022 AT 14:03

इश्क़ की गहराइयों में उतरके तो देख
डूब जाए तो क्या, डूबके तो देख
एक तरफ़ा प्यार भी, प्यार होता है
डरता क्यों है, एक बार पूछके तो देख

गर न हुआ मुकम्मल ये प्यार का फ़साना
दिल ही तो टूटेगा, तोड़के तो देख
साहिल की ओर देखने से मंज़िल नही मिलती
कश्ती ले, और क्षितिज की ओर बड़के तो देख

नज़रो से, देख लेते, तो दुनिया क्या ही दिखती
आँखे बंद कर, फिर आसमान के पार भी तो देख

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19 MAY 2022 AT 0:39

ये इश्क़ है, इश्क़ को, इश्क रहने दो
दिल की बातें, दिल में दबी रहने दो
यह ज़माना, नज़र लगा देगा तुम्हें भी
चेहरे की मुस्कान, लबों तक न आने दो
इश्क़ है, इश्क़ को, इश्क रहने दो

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6 FEB 2022 AT 1:30

मैं नही, शायद तेरे लिए,
पर तू मेरे लिए ज़रूरी है।
तू पूरी खुद में होगी पर,
मेरी कहानी अभी अधूरी है।

तेरी आवाज़ न पहुंचे मुझ तक,
कितनी लंबी दूरी है।
तेरी सांसों की आहट,
इस दिल के लिए ज़रूरी है।

तुझे अब तक ये पता नही,
तू मेरी एक मजबूरी है।
तेरे लिए, मै नहीं शायद,
पर तू मेरे लिए ज़रूरी है।

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10 DEC 2021 AT 1:11

टूटा हूँ मैं,
मुझे टूटा ही रहने दो।
इस बाग़बान को उजड़ा ही रहने दो।
बहार आने पर अबाद न होगा ये,
इस मकान को सब खंडर ही रहने दो।

पूरा करे इस कविता को,
वो अब नहीं रहा,
इस रचना को अधूरा ही रहने दो।

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26 NOV 2021 AT 0:57

काश तू मुझसे, कुछ ऐसे मिला होता,
की तेरे चले जाने का, न मुझे गिला होता।
दिल के घाव खुले ही अच्छे थे,
काश तुमने इन्हें न ही सीला होता।

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