जब-जब नज़र उठाई किसीने जम्बूद्वीप की घाटी पर मिट्टी कर डाला उसको, हमने उसी की माटी पर इतिहास याद करे दुनिया, जब हमने शस्त्र उठाये थे एक नए सूरज को हम दुनिया के पटल पर लाये थे और जो भी यह कहता हो, की भारत क्या ही कर लेगा याद रहे हम ही थे जिसने सिकंदर खाली हाथ लौटाए थे
हमारी चुपी को किसीने कमज़ोरी समझ लिया था भीख में मिली ज़मीन को जागीर समझ लिया था आज भी हिंदुस्तान में भगत और आज़ाद है सारी आवाम को किसीने गांधी समझ लिया था
हमारी शौर्य गाथा का परिणाम गणतंत्र हमारा है परेड के हथियारों को झांकी समझ लिया था कुछ बेसाकियो के सहारे कोई चलके दूर तक आया था अपनी बेसाकियो को किसीने पैर समझ लिया था
जब जब आँखें उठाई किसीने, हमने शीश काटे है सिंह की दहाड़ को किसिने गीदड़ भापकि समझ लिया था कारगिल के साहस का, आज यह दिन सुन्हेरा है जब किसीने दरियादिली को कायरता समझ लिया था
ये इश्क़ है, इश्क़ को, इश्क रहने दो दिल की बातें, दिल में दबी रहने दो यह ज़माना, नज़र लगा देगा तुम्हें भी चेहरे की मुस्कान, लबों तक न आने दो इश्क़ है, इश्क़ को, इश्क रहने दो