गुमनामी कि लम्बी रात,
वो मुझे कहानियां सुनाता रहा...
थाम कर हाथ दहशत-गर्दीयों में,
वो मुझे चाँद का राजकुमार बताता रहा...
नाउम्मीदीयों का वीरान समन्दर,
वो भंवर में तिनके से कश्ती चलाता रहा...
नजरे तलाशती रही हमराह को गुजरते वादों के दौर में,
वो मुझे शीशो में तस्वीर दिखाता रहा...
-अतुल चौरसिया
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कुछ मेरी सुनो कुछ अपनी सुनाओ न
सफर काफी लंबा है और जाना कही नही... read more
रातों में नमी - सांसो में यादों कि मदहोशी छा रही है,
बेशक ये हवाएं उनके जश्नों से आ रही है!-
मैं ये मैं वो.......
वैसे मै मै करके, लोग जमाए काफी अच्छे हो
एक बात बताओ, इंसान हो या बकरी के बच्चे हो
ये तुम जो पैसे प्यार और पहचान का ढोंग रचते हो
बेटा, खोखले बांस हो इसीलिए इतना बजते हो
~Ãtúl Chøúràsîyá-
यूँ तो ये रिश्ता बहुत गहरा है
फिर न जाने क्यू लफ्जो पर,चुप्पी का पहरा है! Papa♥️
~Ãtúl Chøúràsîyá-
देखो जरा संभल के, कही ऐसा इश्क़ भी न हो जाए
साथ के वादे उनसे हो, लेकिन मुकम्मल यादो से ही हो पाए 🖤
~Ãtúl Chøúràsîyá-
काश ये पल अब यही रुक जाए
काश ये रात कभी ख़त्म न हो पाए
ये बेबसी जो मार रही है
डर है फिर कोई सबेरा न आए
कोशिश थी, सोचा धीरे धीरे सम्भल रहा हूँ अब
फिर तुम जाते क्यू नही, बोलो आखिर कब तक
जिन लम्हो का इंतज़ार किया, आज वैरी है वो सब
काश फिर सीने से लगकर कहदो, बुरा सपना था ये बस
इन हालातों ने आज कितना लाचार बनाया है
हमसफ़र थे बेखबर है, न जाने कौनसा मोड़ आया है
लेकिन फिर भी एक ही ख़्वाहिश, काश तू हमेशा मुस्कुराती रहे
तुम भूल गए तो क्या,मैने तो दिल लगाया है
~Ãtúl Chøúràsîyá
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न हिन्दू है न मुस्लमान है
न कोई जात न कोई लिंग न ही कोई नाम है
ये तो धुंध है मिथ्या नारीवाद की, ज़रा हटने दो ! वरना
वो सिर्फ एक हैवान है (2)
न हर नारी बेईमान है
न हर मर्द शैतान है
ये तो कुछ कि वजह से, सब ही बदनाम है ! वरना
वो सिर्फ एक हैवान है (2)
जरा समझो इन बातों को
ये बेफ़िसुल के इल्जाम है
न उसका कोई रंग, न कोई नाम है
न कोई मज़हब, न कोई इमान है
न कोई लिंग, न रिश्तो का सम्मान है
वो सिर्फ एक हैवान है (2)
~Ãtúl Chøúràsîyá-
What is destination (they asked)
Illusion (I replied)
Then what is reality (they asked)
Right attitude towards journey (I replied )-
It is not about how hard the punch ! it is about how quick you get back to your feet ... ✊
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अब क्या हुआ उन वादों का
हमेशा साथ रहेंगे उन इरादो का
वक्त ही गुजारना था तो शतरंज खेलते न
नफरत होगयी कसूर भी नही था जिन यादों का 💔
~Ãtúl Chøúràsîyá-