Atul अंश   (अतुल)
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Joined 4 December 2017


Joined 4 December 2017
26 FEB 2022 AT 11:00

ऐ फूल बाँटने वाले तुझे ये गुमान भी है?
तेरे शहर में तेजाब की दुकान भी है।

~चराग शर्मा

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4 DEC 2017 AT 18:39

बस तूने ही तो मन की हर बात शिद्दत से बोली है,
तभी तो मेने तेरे आगे प्यार की मुट्ठी खोली है।

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5 OCT 2021 AT 18:44

अब तक की जिंदगी में

सबसे ज्यादा दुख जिस चीज ने पहुंचाया है

तो वह "अच्छाई" है।

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25 JUL 2021 AT 8:25

इन आँखों का ही कसूर है सब
बिना बात की बात हो गई...

कहा था ना काजल मत लगाओ
देखो दिन में रात हो गई।

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24 JUL 2021 AT 21:48

कभी फोन के बजने का इन्तेज़ार रहता था,
अब बजकर रुक जाने का होता है।

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24 JUL 2021 AT 21:36

तुम रह गए हो मुझमें उसी तरह,
जैसे उभरे रह जाते हैं अक्षर पन्नों पे।

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24 JUL 2021 AT 21:20

मजहब की
रिश्तों की
पैसों की
विचारों की
रहस्यों की
या फिर ये समाज?

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22 JUL 2021 AT 9:55

प्रेम में हारे लड़के, सींचते हैं मन को
सूखे पौधे की तरह...
और चाहते हैं कोई सूखा फूल बचाना,
जैसे किताबों में रखकर।

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5 JUL 2020 AT 9:16

सच है, विपत्ति जब आती है , बढ़कर विपत्तियों पर छाजा,
कायर को ही दहलाती है, मेरे किशोर ! मेरे ताजा!
शूरमा नहीं विचलित होते, जीवन का रस छन जाने दे,
क्षण एक नहीं धीरज खोते, तन को पत्थार बन जाने दे।

विघ्नों को गले लगाते हैं तू स्वयं तेज भयकारी है,
कांटो में राह बनाते हैं। क्या कर सकती चिंगारी है।

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17 JUN 2020 AT 22:19

शहर में किस्सा हर बार हो गया
जिसको गले लगाया "यार" हो गया।

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