जिंदगी आसान न थी, जब उनका साथ न था,
अब थोड़ी हिम्मत, थोड़ी जीवन मे मिठास है,
जबसे उनका साथ मिला है,
खुश रहते है, मुस्कान भी वापिस लौट आई है,
उनकी मौजूदगी, एक नई शुरुआत लेकर आई है,
आप लड़ सकते है, भिड़ सकते हैं,
पर अंत में आपका तकिया वही होगा,
आपके सुख में खुश,
आपके मुश्किल वक़्त का साथी वही होगा,
खुश रहिये, मुस्कुराते रहिये,
उस परमात्मा के शुक्रगुजार कीजिये,
उन्होंने एक नायाब तोहफा, आपको दिया है,
है वो जीवनसाथी आपका,
जो आपके जीवन की वजह बना है।।-
@An Inspiring Indian.
Don't forget to show your love,
Please suppor... read more
एक अच्छा इंसान बनने की कोशिश कर रहा हूँ,
पर कैसे बनना है, ये मालूम नही,
सच बोलना सीखना है,साफ साफ कहना सीखना है,
पर सभी खुश होंगे, ये मालूम नही,
कुछ दिन की है जिन्दगी, थोड़ा खुश रहना सीखना है,
कब खामोश होंगे, मालूम नहीं,
अभी थोड़ा दुःखी हूँ, शायद थोड़ा खुद से नाराज़ भी,
इस चेहरे पर हँसी कब लौटेगी, मालूम नही।।-
किसको अपना दर्द सुनाये,
किसको अपना दुःख बताएं,
चंद पलों में बदलती है जिंदगी,
क्यों न मुस्कुराकर, अलविदा कह कर जाये,
मालूम नही, अगले क्षण कहाँ होंगे,
अभी यहाँ हैं, कल कहीं और होंगे,
क्या पता कल क्या हो जाये,
अभी साथ हैं, क्यों न सबसे मिलकर जायें,
न आपसे कोई गिला है, न कोई शिकवा है,
आप जैसे भी हो, वैसा ही अच्छा है,
क्यों न इन फासलों को कम कर,
एक नई शुरुआत लिखी जाये,
आज खुश हैं, क्यों न खुशी-खुशी जायें,
ढलते वक़्त के साथ,
उम्र का पहिया भी ढलता होगा,
जो आज है, वो कल नही होगा,
कुछ वक्त आत्ममंथन और खुद को जानने के लगायें,
क्यों न खुद को, एक अच्छा इंसान बनाये।।-
ये दिल न जाने किसका, किसके पास है,
उनका हमारे पास है,हमारा उनके पास है।।-
आप बोलना कम कर दो,
सबकुछ,
अपने आप ही ठीक हो जायेगा,
न शब्द चुभेंगे,
न झगड़े होंगे,
न ही रिश्ते बिगड़ेंगे।।-
कुछ यूं,
हम खुद से रूठ गये,
कि अब मुस्कुराने का,
मन नही करता,
वो बात,
करना चाहते थे हमसे,
पर अब शब्दों का ज़ुबान से मिलने का,
मन नही करता,
कुछ यूँ लगता है,
जैसे किस्मत रूठ गई है उनसे,
अब ख्वाबों में मुस्कुराने का,
मन नही करता,
है कुछ अनगिनत जज्बात,
जिन्हें सबको बताना चाहता हूँ,
पर क्या करूँ,
अब शब्दों को जज़बातों से बुनने का,
मन नही करता।।-
अक्सर दिल की बात,
दिल मे ही छुपाये रखते हैं,
हम खुश हैं या दुःखी,
ये दिल को बता दिया करते हैं,
कहना बहुत कुछ चाहते हैं,
पर अब खुद से भी,कुछ नही कहा करते हैं
ये दिल बेचारा,
अब इसी से गुफ्तगू किया करते हैं,
नही होता है अब भरोसा किसी पर,
हम मुस्कुरा कर, कम बोलना सीख रहे हैं,
खुश रहते है, मस्त रहते है,
इस दुनिया मे एक दिल, और एक हम दो ही रहते है,
संजोकर रखी है यादें इसने,
इस दिल ने क्या-क्या संभलकर रखा है,
मुस्कुरा लेते हैं अब, इस जादुई पिटारे को खोलकर,
ये दिल, अब खाली थोड़ी न रहता है।।-
स्पष्ट बोलिये,
सच बोलिये,
न बोलना सीखिये,
बहुत सारी मुश्किलों से,
आप खुद को बचा पायेंगे।।-
अक्सर ज्यादा गुस्सा कर देता हूँ,
गुस्से में, कुछ भी बोल देता हूं,
शब्दों के बाण, उन्हें चुभ जाते हैं,
दुःखी हम हो जाते हैं,
सोच रहा हूँ, गुस्सा कम करूँ
मुस्कुराकर बात करना शुरू करूँ,
कम बात करना शुरू करूँ,
वो भी खुश और हम भी।।-