ये किताबों वाली कहानियां पढणे मे कितनी अच्छी लगती है काश असल जिंदगी भी इतनी आसन होती.., यू मिलना बिछड़ना रिवाज है जिंदगी का.. काश असल जिंदगी भी किताबों की काहानियों की तरह खुबसुरत होती !! — % &
इतने दिनों से कुछ लिखा ही नहीं क्युकी लिखने की कोई वजह मिली ही नहीं , आज फिर से सिहाई से हाथ रंग दिए हमने, क्यूकी तन्हाई से रुबरू होने के अलावा और कोई रास्ता बचा ही नहीं !!— % &
एक चूक माणसाला पूर्ण नजरेतून पाडून जाते.. जिथे मनात जागा मिळवायला माणसं वर्षा नू वर्ष चांगले वागण्याचा प्रयत्न करतात.. माणसाचं चरित्र सांगायला काही शब्द पुरेसे होतात... जेव्हा एक चूक त्याला त्याची जाणीव करून देते..!!
कडी धूप को बारिश मे बदलते देखा है मैंने... इंसान के रूप बदलते देखे है मैंने.. मोहब्ब़त की क्या बात करते हो मुर्शद , अपनो को गैरों मे बदलते देखा है मैंने..!!
आज मेरा दिल मुझ से एक सवाल पुछ गया.. कहा उसने के क्या करोंगे जिंदगी मे आगे बढकर.. तुम्हे अपना केहने वाला तो कोई है नही..!! मैने मुस्कुरा कर उसे कहा..,, कोई नहीं तो क्या हुआ जिंदगी गूजार देंगे किसी के इंताजार मे !!
ये बारिश की आवाज नहीं... ये कोई रो रहा है,, फिर से किसी अपने ने किसी को दर्द दिया हैं.. जो दर्द लफ्जों मे बया नहीं हो पाते.. वो दर्द कोई इन बारिश की बुंदों मे चिपा रहा है !!