फिक्र ए जिस्म में मुब्तला है सभी,
न बची है रूह की फिक्र कही,
और बैठें है ज़िंदगी के मयखाने में कुछ यूं,
के न बचा बनाने वाले का जिक्र कहीं।-
If You Can Change than Only you can Adapt...
As... read more
दो पल का है जीवन, फिर क्यों ठहर जाएँ,
चल सपनों की राहों में हम दूर निकल जाएँ।
अक़्स, है हर लम्हे में बीते कल की छाँव,
चल छोड़ चलें वह परछाईं, जिनमे बसे है पुराने घाव।
हिम्मत का दीप जलाकर, डर को धुआँ बनाएँ,
दो पल का है जीवन, फिर क्यों ठहर जाएँ।
दर्द की लहरों से भी, साहिल नया रचाएँ,
टूटते ख़्वाबों से हम, उम्मीदें फिर जगाएँ।
आँधी भी हो सामने, फिर भी ना झुकें हम,
वक्त की हर चुनौती को, अपनी ताकत बनाएं।
अक़्स न हो पीछे का, बस आगे की राह दिखाएँ,
दो पल का है जीवन, फिर क्यों ठहर जाएँ।
हर कदम पर जो हो अंधेरा, उम्मीदों की मशाल जलाएं,
कर्म ही हो साथी, और बस खुद पर भरोसा दिखाएं।
जो बीत गया वो भूत है, आ इक नया वर्तमान बनाएँ,
हर पल को जीते हुए, अपनी दुनिया सजाएँ।
जो बाधाएँ हों लाख,फिर भी हम कदम न हटाएँ,
दो पल का है जीवन, फिर क्यों ठहर जाएँ।
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नाराज़गी बेवजह ही थी हवा से,
के उथल पुथल कर गई वो घर मेरा,
जबकि खिड़की की चटकनी हटाई किसी और ने।-
साथ बैठते तो है वो आज भी
पर अब पहले सी बात नही होती,
रूबरू होते तो है वो आज भी,
पर अब पहले सी मुलाकात नहीं होती,
कुछ तो खामियां ज़रूर होंगी तुझमें ए 'Aqs'
यूं ही कोई नाराज नहीं होती।-
रुके फिर चले और दौड़े दौर-ए-हयात में,
और फिर थक कर दफ्न हुए खामोश वीराने में,
टूटी चुप्पी जो वीराने की तो इल्म हुआ,
अब तक जी रहे थे ख्वाबों के आशियाने में,
और बस यूं ही गुजरा सफर खयाली ज़मानें में।-
हसरतों की उलझन में ,
खुद का सुकून खो बैठे,
न मुकम्मल हुई हसरतें ए "अक्स",
और सुकून से भी हाथ धो बैठे।-
मै हर रोज़ एक ख्वाब लिखता हूं,
इंतज़ार में उनके हर खत का जवाब लिखता हूं,
मिलेंगे हम जब सुर्ख़ होगा चांद,
होंगी समंदर उफान पर तोड़ती हुई हर बांद,
खिल उठेगी सेहराहें भी,
जब छोड़ देगी हर शह अपनी मांद,
बस हर सहर यही ख्वाब लिखता हूं,
फिर दूसरे पहर उनके खत का जवाब लिखता हूं।-
क्यूं हर महफिल में लोग तुम्हारा पूछते है,
नकार देता हूं रिश्ता सिरे से हर दफा,
फिर भी जाने क्यों वही लोग दोबारा पूछते है।-
के अब चैन नहीं पड़ता इन चार दिवारी में,
सुकून को बहोत खोजा बाहर ज़माने में,
पर था वो भी कैद इन चार दिवारी में।-
दुआ करो सलामती की
इन अंधेरों की,
की अब रोशन जहां होने वाला है।
हैप्पी दीपावली-