Atharva Pawar  
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Joined 10 April 2020


Joined 10 April 2020
28 DEC 2022 AT 10:17

किसकी याद में खोगया है यार तुम्हारा
शोधतो आहे फक्त मनुष्यहीन समुद्र किनारा

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23 NOV 2022 AT 17:55


मी अडकलो माझ्या प्रश्नात, ज्याचे उत्तर ना कोणाजवळ
बेधुंद मी नशेत माझ्या, विचार जसे वसंताची हिरवळ
मुखवटा विचीत्र न समजे कोणाला, झालर हास्याची चढवली
घालमेल मनाची, शक्तीहिन प्रयत्नाची,अंत:ता सर्वच निष्फळ

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31 OCT 2022 AT 11:52

आरंभ है उन्ही से, वही सभी का अंत है
शून्य भी वही है और वही जगत अनंत है
शांत ,संयम इतना जैसे, कोई निश्चल अर्णव हो
क्रोध इतना भय सभी को अब तो ना शिवतांडव हो महाकाल के सिवा यहा रहेगा नही कोई शेष
जप ओम नमः शिवाय महिमा इसकी है विशेष ।

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15 OCT 2022 AT 20:06

लिखा है खत तुझे एक एक लब्ज़ सिधा दिलसे निकालके
रखे है झुमके साथ उसके, पेहेन लेना थोडी फुरसत निकालके।

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9 OCT 2022 AT 11:49


मी पणा विसरून जग सांगत होते सगळे
प्रयत्न तर कर जग गवसेल वेगळे
केला मी प्रयत्न स्वतःला हरवलो
शोधण्यास जीवनाचा अर्थ मी निरर्थक वावरलो
सगळं विसरूनही मला काहीच गवसत नाही
ऐकून सगळ्यांचे विचार हे मला तर फसवत नाही?

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6 OCT 2022 AT 10:21


वो एहसास बहोत खास है, जो कभी हम लिखते नहीं
अक्सर वो जख्म बहोत चुभते है, जो दिखते नहीं ।

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3 OCT 2022 AT 16:46

आयुष्य जगणं आणि नुसतच जिवंत राहणं यातला फरक पिंजऱ्यात कैद असणाऱ्या त्या पक्षाला विचारा

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9 SEP 2022 AT 18:07

जाम पर जाम लगे तो यादें उनकी आती है लोट
आणि
आणि काय
हसणाऱ्या ओठांनिशी डोळ्यातल्या आसवांचा होणारा कडेलोट

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8 SEP 2022 AT 11:06





उड़ता पंछी कैद हुआ तो रूह उसकी तड़प रही
भरी आँखों से एक नजर खुले आसमां को देख रही

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7 SEP 2022 AT 0:09

ख्वाबो की दुनिया में जिने का सहारा बस तलब थी
की मुकम्मल कोई ख्वाईश हो तो बात ही कुछ अलग थी

- - - अज्ञात

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