Ataraxia   (गुल्लक)
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Joined 13 October 2023


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14 OCT AT 22:17

मरने के बाद स्वर्ग गई स्त्रियों को
दिखाई देती होंगी
खाली सिंहासनों के सामने
घुंघरु खोलती अप्सराएं

स्वर्ग में
खाली सिंहासनों के सामने
घुंघरु खोलती अप्सराएं भी,
स्त्रियां ही होती होंगी

घुंघरु खोलती अप्सराओं को,
मरकर आई स्त्रियां
खुद किसी स्वर्ग से उतरी हुई लगती होंगी!

मरकर स्वर्ग पहुंची स्त्रियां पाएंगी
स्त्रियों के लिए कल्पना में भी स्वर्ग नहीं सोचा गया!
स्त्रियों के लिए स्वर्ग में भी स्वर्ग नहीं सोचा गया!

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27 SEP AT 20:45

अंततः हे ईश!
तुम्हारा अमरत्व ही सबसे भयावह होगा!

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23 AUG AT 20:44

.....

-


16 AUG AT 19:53

....

-


27 JUL AT 20:45

.......— % &......— % &People: why do you have trust issues?

Me: yq pe itne Bheeshma pitamah se mil chuki hu, jo ek ID pe Gangadhar aur ek ID pe shaktiman bane baithe huye h, ki trust ke naam pe bas issues hi bache h— % &.....— % &....— % &

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15 JUL AT 19:56

जिन्हें
जीना
था
वो
सब
राख
हो
गए—

-


2 JUL AT 21:59

.....

-


19 JUN AT 21:57

दुखों को सदैव अनाथ समझा गया
मगर फिर भी दुखों को सहेज लिया गया
कविताओं में, अश्रुओं में,
स्मृतियों में, विरह में,
दुःख को आलिंगनबद्ध रखा प्रेमियों ने
इकलौती संतान की भांति

मगर खुशियां?
खुशियां उग आती हैं
बिना खाद , देखभाल के
कंक्रीट की दीवार में निकल आए पौधे की भांति
खुशियां बढ़ आती हैं, अनाथ बच्चों की भांति ,
बनाए रखती हैं अपनी जगह
हाशिए पे लिखी कविताओं की भांति
जबकि खुशियों को सदा से ही समझा जाता रहा
संवरे हुए घर की सबसे चहेती संतान!

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12 JUN AT 21:54

थोड़े
बहुत
ईश्वर
तो
हम
सब
है

-


6 JUN AT 19:45

कितना कुछ हो सकते हो तुम!
कितने सारे किरदार
हो सकते है तुम्हारे

मगर सिर्फ इसी पल–
ठीक इसी पल में
क्योंकि असल जिंदगी में हम बंधे है
एक वक्त पर एक ही शक्ल में बंधे होने,
एक ही किरदार में कैद होने के नियम से !

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