मोहब्बत दर्द है,
और दुआ भी.
मोहब्बत प्यास है,
और कुआं भी.
न इस से कुछ सहारा है,
और न इसके बिना गुजारा.
इसी से है बेचैनिया,
इसी से सुकून भी.
दिल में छुपी कसक भी,
सर पे चढ़ा जुनून भी.
चल तो दिए होकर जुदा,
पर जायेगे कैसे और कहा.
ऐसा होगा ये रास्ता,
ये सोचना नादानी है.
चल पड़े है जिस पर,
वो जमी नहीं पानी है......
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