Astha Tiwari  
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You know what's beautiful?...Read the first word again!
#Medico
#MBBS
#RMLIMS
Joined 21 March 2019


You know what's beautiful?...Read the first word again!
#Medico
#MBBS
#RMLIMS
Joined 21 March 2019
3 APR 2020 AT 10:40

नितलीय अथाह रत्नगर्भा आज कर रही तेजस्वी दिनकर से गंभीर चर्चा।
कण कण में है बिखलन,
रज्ज रज्ज में है विह्ललन ,
शोकाकुल संसार ,संकट में संतान
तरकीब दिखाएं हे पालनहार।
अंशुमाली, दिनकर बोलेः

लोलुप है वह प्राणी ,
कटु है जिनकी वाणी,
गगनचुंबी है उनका घमंड,
धर्म के नाम पर करते वो पाखंड।
व्यथित है गरीब पाने को दो जून की रोटी, तो अमीर की घट ना जाए एक भी सोने की गोटी।
हे संक्षिप्त पक्षपाती ,बड़ी निंदनीय है तेरी जाति ;
घुट रहा अपनी ही चारदीवारी में
पैसे की प्रतिस्पर्धा में प्रीत हुई जो पलायन ।

अधीर मत हो मन ,
अभी से पांव के छाले न देखो अभी यारों सफर की इब्तिदा है ।
अंधियारे से पूछो सामर्थ क्या है प्रकाश का ?
अस्थिरता से पूछो सामर्थ क्या है आत्मविश्वास का ?
इस वैश्विक उत्पात से खुद को बचाएं और
आत्मविश्वास का दीपक अनिवार्यतः जलाएं।।

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21 OCT 2019 AT 19:35

Hey! you the man with perfect biceps;
Will you accept me as your princess🤴
( in caption)

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14 SEP 2019 AT 23:39





कंठ है सूखे, अपने थे रूठे
वर्षों के भूखे, चप्पल भी हैं टूटे।

अब न जलती चूल्हे की आगी,
अब न आते खिलौने।
गरीबी की बाढ़ में बह गया है बचपन ,
रघुपति राघव कैसे लगाऊं तुम्हें भोग छप्पन।

हाथ में कटोरा न चैन न बसेरा ,
यही उनकी पहचान ...गरीब है उनका नाम ।
नहीं करनी मदद तो दुनिया क्यूँ करे टिप्पणी ,
जरा हाल तो देख अपना ओ नादान जिंदगी।।



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14 SEP 2019 AT 10:20

ओह !मेरे अमलतास मेरे प्यारे अमलतास
( in caption )

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12 SEP 2019 AT 21:08

बचपन में माटी के गुड्डे से खेलती एक गुड़िया;
रूखी त्वचा ,चिथड़े वस्त्र ,मटमैले केस ;यह समाज करता उससे मतभेद;
हिस्से में मां का आंचल, दो सूखी रोटी, खलिहान की दो बीघा मेड़।।
समय बदला, घड़ी की सुई ने भी खेला खेल....

... टूटे खंडहर से भव्य इमारत का है जो यह सफर,
....गाड़ी मोटर भी आई नौकर चाकर भी आए,
....पैसा भी आया क्योंकि मां, "उस वक्त तूने मुझे पढ़ाया"
...खपरैल झोपड़ी से हीरे की पोटली तक के सफर का,
" तू कारण है " मां।।

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7 SEP 2019 AT 11:44

....प्राचीन का गौरव नवीन का ज्ञान का अनोखा प्रसाद हमारा चंद्रयान....
देश है वही,
खून है वहीं
जूनन है वही ,
.......लड़खड़ाए है;
" तो लक्ष्य तक सर्वप्रथम पहुंचेंगे हम ही"
।।जय भारत ।।

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4 SEP 2019 AT 10:52

ज़रा आईने से एक बार अपनी खूबसूरती पूछ कर देखो............
"सुंदर नयन के रोष को सुरमा से मिला; गुलाबी होठों पर मुस्कान लिए, जरा अपने नारीत्व पर गुमान करके तो देखो"
उसके इंतजार की घड़ियों ने तुम्हारे सब्र के बांध को तोड़ दिया!
वो लिखे ना लिखे......
जरा एक बार........
"तुम खुद पर लिख कर देखो"!

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4 SEP 2019 AT 9:46

...मुसीबत का संहार कर तू तो बस चलता चल ,
भीषण तूफान को स्वीकार कर ,
अपनी नाँव को दरिया के उस पार कर,
जगत का सूरज ,धरती की माटी ;
ए नौजवान !तू युद्ध का फिर से एलान कर।।

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3 SEP 2019 AT 19:47

ऐ ,चाँद तेरी चाँदनी मैं ऐसा क्या है ?
जो मेरे मोहब्बत की जगमगाहट मैं नहीं है!
माना कि तुझे छूने भर के लिए सब बेकरार है,
माना कि तेरे हर रूप का एक नया पहचान है,
तुझसे जुड़ा हर किस्सा एक इतिहास है ;

पर !!

ढ्लता तो तू भी है न,
तो इस संसार को मेरी मोहब्बत की कालीमा पर क्यों ऐतराज है?

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3 SEP 2019 AT 18:32

ख्वाहिशें मानती कब है ,
हर बार पंख लगा उड़ जाती है;
बादलों से भी परे है घर इनका ,
धरती पर कहां ठहर पाती हैं।

ख्वाहिशे बाज़ है जो बादलों के ऊपर उड़ते हैं ,
और जिंदगी खुशी का वह बादल है,
जो इस बाज़ का शिकार करने पर बरसते हैं।।

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