अनमोल है जिन्दगी!!
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Dob - 12 nov.
मेरी रचनाओं से मेरी निजी ज़िन्दगी का तालुक्कात न जोड़े �... read more
आँखो की नमी की वजह वो जान जाती हैं,
जो कही न जा सके वो बात जान जाती हैं,
उनसे कुछ नहीं छिपाया जा सकता कभी,
वो माँ हैं, उनको सबकी पहचान होती हैं,
हाँ जो दर्द को समझ कर मरहम का काम करे,
बस वही माँ होती है!!!-
आत्म निर्भर औरत
सबका भार उठा सकती है
खुद का नाम बना सकती है
बिगड़ा काम बना सकती है
दुसरो की परेशानी मे
काम आ सकती है,
मुसीबत को दूर कर सकती है
लेकिन यदि वो कुछ नहीं करे तो,
सपनो को चूर कर सकती है,
खुद को हर पल मजबूर कर सकती है!!
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रातों के सफर मे जो तुम निकले हो,
तारों से सीख लेना टिम टिमाना,
चाँद से पूछना अकेले होके पूरी दुनिया में अपनी जगह बनाना!!
जुगनू से सीखना हुनर अंधेरो मे कैसे है जगमगाना,
और स्त्री से सीखना दर्द में भी कैसे है मुस्कुराना!!
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प्रेम वो फसल है,
जिसमे संवाद रूपी खाद बीज
ना भी हो
तो भी पनपती है,
जिसमे परवाह का पानी न भी लगे
तो भी लहराती है!!
जिसे कोई न भी पसंद करता है
तो भी बढ़ता ही जाता है!!
प्रेम वो है जिसका पौधा
पतझड़ मे भी खिल ही जाता है!!-
शायद भूल गये होंगे यहाँ आप मुझे,
सोचा लिखा जाये फिर आज मुझे,,
खत्म कुछ नहीं होता सफ़र ऐ जिंदगी में, बस एक लेखक खो सा जाता है कहीं अपनी ही दुनिया में,
परंतु लेखक नहीं मरता कभी, ना ही उसे भुलाया जा सकता है,
वो रहता है अमर अपनी लेखनी में!!-
मेरी फिक्र, मेरा जिक्र,
तेरी बातों मे
फैला वो इत्र,
कैसे महकता है ना
दोस्ती का रिश्ता
अपना जो है बिल्कुल पवित्र!!-
किसी खुदगर्ज जमाने की।।
तन्हाई का सहारा मैं काफी हूँ खुद के लिए, अंधेरो में उजाला मैं काफी हूँ खुद के लिए-