क्यूँ ये आँख सदा शबनमी रहती है क्यूँ तू दिल में सदा जमी रहती हैयूँ तो भरपूर हैं ज़िन्दगी में शहदफिर क्यूँ सदा तेरी ही कमी रहती है -
क्यूँ ये आँख सदा शबनमी रहती है क्यूँ तू दिल में सदा जमी रहती हैयूँ तो भरपूर हैं ज़िन्दगी में शहदफिर क्यूँ सदा तेरी ही कमी रहती है
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मैं तेरे इश्क़ की रौशनी से इस तरह घिरना चाहूँ,गर तू सामने भी आ जाए तो मैं ना मिलना चाहूँ।तसव्वुर में रहती है तू हमेशा मेरे रूबरू,इससे ज़्यादा भला अपने लिए मैं क्या चाहूँ। -
मैं तेरे इश्क़ की रौशनी से इस तरह घिरना चाहूँ,गर तू सामने भी आ जाए तो मैं ना मिलना चाहूँ।तसव्वुर में रहती है तू हमेशा मेरे रूबरू,इससे ज़्यादा भला अपने लिए मैं क्या चाहूँ।
सच हो गया है बौना, झूठ के पेड़ के आगे, सच हो गया मौना, झूठ की फेर के आगे। भरोसा बिखरा हुआ है, रेत की तरह हर तरफ़, ज़िंदगियां तबाह हो रही हैं, नाकामियों के ढेर के आगे। -
सच हो गया है बौना, झूठ के पेड़ के आगे, सच हो गया मौना, झूठ की फेर के आगे। भरोसा बिखरा हुआ है, रेत की तरह हर तरफ़, ज़िंदगियां तबाह हो रही हैं, नाकामियों के ढेर के आगे।
सैंयाजी जब रूठ गयेशिकवे सभी छूट गये मिन्नतें भी नाकाम हुईंवादे सभी झूठ हुये -
सैंयाजी जब रूठ गयेशिकवे सभी छूट गये मिन्नतें भी नाकाम हुईंवादे सभी झूठ हुये
जाने क्यूँ एक गुल की महक सेडायरी में छिपे गुल की याद आ गयीमुस्कुराने लगे वो बीते लम्हे लबों पेएक दिलफ़रेब की बात याद आ गयी -
जाने क्यूँ एक गुल की महक सेडायरी में छिपे गुल की याद आ गयीमुस्कुराने लगे वो बीते लम्हे लबों पेएक दिलफ़रेब की बात याद आ गयी
Us Din Samajha Main Teri Muskurahat ka Mol Jis Din Teri Aankhon Mein Tere Aansu Rahe the Bolउस दिन समझा मैं तेरी मुस्कुराहट का मोलजिस दिन तेरी आँखों में तेरे आँसू रहे थे बोल -
Us Din Samajha Main Teri Muskurahat ka Mol Jis Din Teri Aankhon Mein Tere Aansu Rahe the Bolउस दिन समझा मैं तेरी मुस्कुराहट का मोलजिस दिन तेरी आँखों में तेरे आँसू रहे थे बोल
महक के महकी मैंबहक के बहकी मैंअरमाँ की सुलगन सेदहक के दहकी मैं -
महक के महकी मैंबहक के बहकी मैंअरमाँ की सुलगन सेदहक के दहकी मैं
ये दिल कहीं लगता नहीं, जान! तेरे जाने के बाद;शायद सुकूँ आएगा अब, जान मेरी जाने के बाद। -
ये दिल कहीं लगता नहीं, जान! तेरे जाने के बाद;शायद सुकूँ आएगा अब, जान मेरी जाने के बाद।
इश्क़ ओ वफ़ा का दर्द, मैं अब कहाँ तक गाऊँ,मुझे तो लगता है कि, मैं अब ख़ामोश हो जाऊँ।हक़ीक़त की दुनिया में, मैं रोज़ तिल-तिल मरता हूँ,तसव्वुर की दुनिया में,मैं अब आज़ाद हो जाऊँ।यूंँ तो तो बार-बार मैंने,तेरी याद को दफ़्नाना चाहा,मैं अब चाहता हूँ कि,तेरी याद में ख़ुद मर जाऊँ। -
इश्क़ ओ वफ़ा का दर्द, मैं अब कहाँ तक गाऊँ,मुझे तो लगता है कि, मैं अब ख़ामोश हो जाऊँ।हक़ीक़त की दुनिया में, मैं रोज़ तिल-तिल मरता हूँ,तसव्वुर की दुनिया में,मैं अब आज़ाद हो जाऊँ।यूंँ तो तो बार-बार मैंने,तेरी याद को दफ़्नाना चाहा,मैं अब चाहता हूँ कि,तेरी याद में ख़ुद मर जाऊँ।
ये इक राज़ की बात है,वो जो अपनी क़ायनात है,उससे इश्क़ तो है एक तरफ़ा,पर जन्म-जन्म की बात है। -
ये इक राज़ की बात है,वो जो अपनी क़ायनात है,उससे इश्क़ तो है एक तरफ़ा,पर जन्म-जन्म की बात है।