प्रेम कभी दो समझदार लोगो के बीच नही हो सकता,
प्रेम होने के लिए एक का बुद्धू होना जरूरी हैं।-
कविता (पार्ट २)
जीवन में था वो एक कुसुम
थे उस पर नित्य न्योछावर तुम
वह सुख गया तो सुख गया
मधुबन की छाती को देखो
सुखी कितनी इसकी कलियां
मुरझाई कितनी बल्लरिया
जो मुरझाई फिर कहा खिली
पर बोलो सूखे फूलों पर
कब मधुबन शोर मचाता हैं
जो बीत गई सो बात गई-
बचपन में मेले में "हरएक माल" वाला स्टॉल पसंद था उसे,
क्या पता था कि जवानी में खुद "हर एक की माल" बन बैठेगी!
🙄🙄-
कविता (पार्ट १)
जीवन में एक सितारा था
माना ये बेहद प्यारा था
यह डूब गया तो डूब गया
अंबर के आनन को देखो
कितने इसके तारे टूटे
कितने इसके प्यारे छूटे
जे छूट गए फिर कहां मिले
पर बोलो टूटे तारों पर
कब अंबर शोक मनाता हैं
जो बीत गई सो बात गई-
तुमको देखता हु तो मिलती हैं उमंग
खिल जाते दिल में हर एक रंग
तू जो न मिले तो हो जायेंगे तंग
तुम बिन लगे सब कुछ बदरंग
जिंदगी जो बीत जाए तेरे संग
मिलेगी खुशियां ही खुशियां
ना होगा कभी कोई गम
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जिंदगी को अच्छी करने के बजाए कोशिश ये होनी चाहिए की हर एक दिन अच्छा हो, अगर इंसान हर एक दिन को अच्छा करने लगे तो जिंदगी खुद ब खुद अच्छी हो जायेगी!!
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तुम्हें मिस करता हूं और सोचता हूं कि
अगर तुम मुझसे दूर न जाती तो
मुझे इस बात का अहसास कभी नही होता कि
मैं तुमसे कितना प्यार करता हूं-
अब जब किस्सा समझ आया हैं तो यकीन हुआ,
जो होता है अच्छे के लिए होता हैं।।-