जीवन में था वो एक कुसुम थे उस पर नित्य न्योछावर तुम वह सुख गया तो सुख गया मधुबन की छाती को देखो सुखी कितनी इसकी कलियां मुरझाई कितनी बल्लरिया जो मुरझाई फिर कहा खिली पर बोलो सूखे फूलों पर कब मधुबन शोर मचाता हैं जो बीत गई सो बात गई
जीवन में एक सितारा था माना ये बेहद प्यारा था यह डूब गया तो डूब गया अंबर के आनन को देखो कितने इसके तारे टूटे कितने इसके प्यारे छूटे जे छूट गए फिर कहां मिले पर बोलो टूटे तारों पर कब अंबर शोक मनाता हैं जो बीत गई सो बात गई
तुमको देखता हु तो मिलती हैं उमंग खिल जाते दिल में हर एक रंग तू जो न मिले तो हो जायेंगे तंग तुम बिन लगे सब कुछ बदरंग जिंदगी जो बीत जाए तेरे संग मिलेगी खुशियां ही खुशियां ना होगा कभी कोई गम