रहने दे बेअदब मुझे, अदब ने कई जख्म पुराने दिए!!
टूटने दे हल्के हल्के ख्वाइशों को, ज़िम्मेदारियों ने जकड़ रखा है रातों की नींदें!!-
Ashwini
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Just a normal Human being .
Joined 13 August 2020
27 JAN 2022 AT 0:18
24 AUG 2021 AT 10:43
कुछ गलतियों की जुर्म नही होती,कुछ गलतियों की माफी नही होती ।
उस गलतियों की सजा बेहिसाब होती है, जिसकी माफी नही मिलती।-
28 JUL 2021 AT 23:52
कर दे रिहा मुझे
अपनी ही यादों से, जज्बातों से, बेहिसाब दर्दों से!
रोज -रोज की घुटन से जिंदगी कड़वी हो गयी है!!-
19 JUL 2021 AT 0:06
उसने मेरी दिल की शिकायतों की अर्जी अपने शहर क्या दी!!
दिल ने सारी गुनाहों की दस्तावेज पेश कर खुद को मुजरिम साबित कर दिया!!-
15 JUL 2021 AT 0:01
दम घूंटती यादों से डूबते मरते जब वो बाहर निकलती तो..
भींच लेती अपनी आँखो को दोनो हथेलियों से...
जैसे वो खुद ही डूब जाना चाहती हो उस अंधकार मे!!-
14 JUL 2021 AT 23:08
रातें उसे जगाकर किसी की याद में...
रातें खुद भूल जाती है उसको सुलाना!!-