दुनिया के इन रस्म वो रिवाज से दूर,
चलो कही एक नई दुनिया बनाए हम..-
कुछ लिखने चले थे ;फिर सोचा छोड़ो,आज जाने दो ।
मुड़ के देखा तो बहुत कुछ लिख दिया था
स्वतंत्र होकर अपने जीवन का कोई भी निर्णय ले पाना, संसार की सबसे बड़ी उपलब्धि है...!!!
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समय और भाग्य दोनो ही परिवर्तनशील है ,
इनपर किसी को अहंकार नहीं करना चाहिए..
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तुम्हें देख कर हम अपनी नज़रें झुका लेते है ..,
हमें डर है कही तुम पढ़ ना लो मेरे जज़्बातों को ..!!-
चलो आज हम थोड़ा सा फिर मुस्कराते है
तुम रूठो हम फिर तुम्हें मनाते हैं..!!-
" ज़ख्म वही है जो छिपा दिया जाए
जो बता दिया जाए उसे तमाशा कहते हैं "-
तुम शायरी बनो मेरी
मैं दोहा बन जाऊँ
तुम चुंबक बनकर देखो
मैं लोहा बन जाऊँ___!!
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