देश का मंगल करने को, मंगल दे गए प्राणजान से ज्यादा प्यारी थी, उनको देश की शाननेता जी पर क्या समझेंगे, मुल्क बेच हर्षातेभारत मां को नोच खा गए, जेबें भरते जातेमंगल के प्यारे वतन को, चबा गए बेईमानदेश का मंगल करने को, मंगल दे गए प्राण - A.K(पारंगत)
देश का मंगल करने को, मंगल दे गए प्राणजान से ज्यादा प्यारी थी, उनको देश की शाननेता जी पर क्या समझेंगे, मुल्क बेच हर्षातेभारत मां को नोच खा गए, जेबें भरते जातेमंगल के प्यारे वतन को, चबा गए बेईमानदेश का मंगल करने को, मंगल दे गए प्राण
- A.K(पारंगत)