19 JUL 2018 AT 21:59

देश का मंगल करने को, मंगल दे गए प्राण
जान से ज्यादा प्यारी थी, उनको देश की शान
नेता जी पर क्या समझेंगे, मुल्क बेच हर्षाते
भारत मां को नोच खा गए, जेबें भरते जाते
मंगल के प्यारे वतन को, चबा गए बेईमान
देश का मंगल करने को, मंगल दे गए प्राण

- A.K(पारंगत)