खुदा से चाहा इतना हीं हमने,
हर एक नूर हमारा हो,
हो मेरे मुल्क में हर ओर बरक्कत,
बुलंद इंकलाब का नारा हो!-
मिथिला में जन्मे, अवध में पले, नाम बौआ भौकाल... read more
जाने ना क्यों अब भी, सबकी नज़र में रहता हूँ,
मैं तो दिन भर यूहीं, अपने घर में रहता हूँ!-
किसके 'मन की बात' है, किसके हाथों का खेल है,
पौए से भी ज़्यादा महंगा , आज सरसो का तेल है!!-
हम परम्पराओं के अनुयायी हैं,
हम आधुनिकता के शौकीन भी,
हमसे हीं है तो योग है पनपा,
और हमसे हीं वैक्सीन भी!
#HappyRepublicDay-
मुझसे हमेशा हीं कुछ खा लेने का हठ करती है,
और मेरे लिये खुद भूखी रहकर, माँ छठ करती है!-
ख़ामोशी भी अब बेबाकी सी लगती है,
उम्मीद भी न कोई बाकी सी लगती है,
इश्क में हुए हैं तन्हा कुछ ऐसे,
तवज्जो भी अब हमें, गुस्ताखी सी लगती है..
तवज्जो भी अब हमें, गुस्ताखी सी लगती है!-
ना दिल में कोई शिकवा बाकी है,
ना दर्द का कोई आलम बाकी है,
जब से हुआ है तुमसे तकल्लुफ,
हमारा दिल हीं अब, हम में ना बाकी है,
हमारा दिल हीं अब, हम में ना बाकी है...
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मेरे हर एक अल्फ़ाज़ में होती, बस तेरी हीं वाहवाही है,
तू मेरी कलम की लिखावट नहीं, तू खुद उसकी स्याही है !-
बदल गयी है हँसी की वजह, बदल चुका है तरीका भी,
बदल चुका है ये स्वाभाव, बदल गया है सलीका भी..
क्या सोचा है कभी तुमने कुछ रूक कर , कि वो दिन भी कितने अच्छे थे,
क्या नहीं था तुम्हारे पास, जब तुम भी कभी बच्चे थे?-
कोशिश-ऐ-क़ायनात का इल्म नहीं रहा अब बाकी,
अब नौसिखिए भी खुद को सिकंदर समझ बैठे हैं,
काबा किस मुँह से जायेगा ये फ़क़ीर ,
अब तो काफ़िर भी खुद को कलंदर समझ बैठे हैं !-