Ashwani Ashish  
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Joined 15 August 2017


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Joined 15 August 2017
15 AUG 2021 AT 10:21

खुदा से चाहा इतना हीं हमने,
हर एक नूर हमारा हो,
हो मेरे मुल्क में हर ओर बरक्कत,
बुलंद इंकलाब का नारा हो!

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24 JUL 2021 AT 18:35

जाने ना क्यों अब भी, सबकी नज़र में रहता हूँ,
मैं तो दिन भर यूहीं, अपने घर में रहता हूँ!

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14 JUL 2021 AT 23:33

किसके 'मन की बात' है, किसके हाथों का खेल है,
पौए से भी ज़्यादा महंगा , आज सरसो का तेल है!!

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26 JAN 2021 AT 10:47

हम परम्पराओं के अनुयायी हैं,
हम आधुनिकता के शौकीन भी,
हमसे हीं है तो योग है पनपा,
और हमसे हीं वैक्सीन भी!

#HappyRepublicDay

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19 NOV 2020 AT 12:47

मुझसे हमेशा हीं कुछ खा लेने का हठ करती है,
और मेरे लिये खुद भूखी रहकर, माँ छठ करती है!

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12 OCT 2020 AT 20:11

ख़ामोशी भी अब बेबाकी सी लगती है,
उम्मीद भी न कोई बाकी सी लगती है,
इश्क में हुए हैं तन्हा कुछ ऐसे,
तवज्जो भी अब हमें, गुस्ताखी सी लगती है..
तवज्जो भी अब हमें, गुस्ताखी सी लगती है!

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30 AUG 2020 AT 13:38

ना दिल में कोई शिकवा बाकी है,
ना दर्द का कोई आलम बाकी है,
जब से हुआ है तुमसे तकल्लुफ,
हमारा दिल हीं अब, हम में ना बाकी है,
हमारा दिल हीं अब, हम में ना बाकी है...

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27 JUN 2020 AT 1:12

मेरे हर एक अल्फ़ाज़ में होती, बस तेरी हीं वाहवाही है,
तू मेरी कलम की लिखावट नहीं, तू खुद उसकी स्याही है !

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14 JUN 2020 AT 8:45

बदल गयी है हँसी की वजह, बदल चुका है तरीका भी,
बदल चुका है ये स्वाभाव, बदल गया है सलीका भी..
क्या सोचा है कभी तुमने कुछ रूक कर , कि वो दिन भी कितने अच्छे थे,
क्या नहीं था तुम्हारे पास, जब तुम भी कभी बच्चे थे?

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13 MAY 2020 AT 1:28

कोशिश-ऐ-क़ायनात का इल्म नहीं रहा अब बाकी,
अब नौसिखिए भी खुद को सिकंदर समझ बैठे हैं,
काबा किस मुँह से जायेगा ये फ़क़ीर ,
अब तो काफ़िर भी खुद को कलंदर समझ बैठे हैं !

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