इक बाज़ार लगा है हमारे सब्र का,
सौदेबाजी खूब ज़ोरों से हुई,
कुछ वक्त के हाथों मजबूर हैं ज़रा,
क्योंकि हमारी यारी ही चोरों से हुई।-
हाँ, मेने खूबसूरती को क़रीब से देखा है, जबसे मैंने तुमको अपनी आँखों से देखा है। मैंने ख़ूबसूरती को छू कर देखा है, जबसे मैंने तुमको अपनी बाजुओं में समेटा है।।
पहली बारिश की मेहेक भी कुछ नही, पर तुम्हारे गीले बालों की खुशबू को महसूस किया है।
नदियों में तो यूं कभी तैरा नहीं मैं, पर आँहें भरते तुम्हारे जिस्म पर अपने हाथों को फेरा है-
तुमसे मिला जो भी है मिला, हो चाहे दर्द हो या गिला, वाकिफ होती न मुझसे ज़िंदगी,
अश्क कभी न मैं जानता,
टूट गया जो था उलझाया, ख़्वाब जो आंखों में चमकाया, फिर से देख न पाएंगे.... दिल मेरे अब यूं न अश्क बहा, माना तुझमें न इश्क़ रहा.....
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बारिशों में छुप कर जितना जला हूं मैं, तुमको भी उतना कभी जलना पढ़ेगा, सिर्फ मेरा टूटना काफ़ी नहीं, तुमको भी तो कभी मुंतशिर होना पढ़ेगा....
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तू मेरी मुहब्बत न बन सकी,
तो मैंने सोचा अपनी कहानी को अमर करदेता हूं तुझे शायरी बना कर....-
जाऊंगा जो अब के घर से तुम्हारे,
तो शायद ही कभी लौट कर आऊंगा.
तुमने तो मुझे भुला ही दिया है,
चलो, मैं भी तुम्हे भूल जाऊंगा...
नही भूलूंगा महक को तुम्हारी,
तस्वीर तुम्हारी दिल में सहेजे मर जाऊंगा,
तुम तो मुझे छोड़ जा ही चुके हो,
चलो, मैं भी तुम्हे छोड़ जाऊंगा...
बाहों में कोई और तो आ ही जायेगा,
पर तुम्हारी जगह शायद ही किसी को दे पाऊंगा,
तुम तो आगे बढ़ चले हो,
चलो, मैं भी बढ़ जाऊंगा...-
देखने वाले तो होंगे तुम को लाख़ो में,
मेरे जैसा प्यार होगा किस की आंखों में...चाहे जितनी कोशिश कर लो किसी और की हो न पाओगी..
क्या चीज गवा दी है तुमने ये सोच के सो न पाओगी,
जो चांद तुम्हारा मेरा था, वो चांद कहा से लाओगी...-
तुमसे मिला हो भी है मिला, हो चाहे दर्द हो या गिला, वाविफ होती न मुझसे ज़िंदगी,
अश्क कभी न मैं जानता,
टूट गया जो था उलझाया, ख़्वाब जो आंखों में चमकाया, फिर से देख न पाएंगे.... दिल मेरे अब यूं न अश्क बहा, माना तुझमें न इश्क़ रहा.....
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दिल मेरे अब यूं न अश्क बहा, माना तुझमें अब न इश्क रहा......
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जाऊंगा जो अब के घर से तुम्हारे,
तो शायद ही कभी लौट कर आऊंगा.
तुमने तो मुझे भुला ही दिया है,
चलो, मैं भी तुम्हे भूल जाऊंगा...
नही भूलूंगा खुशबू' को तुम्हारी,
तस्वीर तुम्हारी दिल में सहेजे मर जाऊंगा,
तुम तो मुझे छोड़ जा ही चुके हो,
चलो, मैं भी तुम्हे छोड़ जाऊंगा...
बाहों में कोई और तो आ ही जायेगा,
पर तुम्हारी जगह शायद ही किसी को दे पाऊंगा,
तुम तो आगे बढ़ चले हो,
चलो, मैं भी बढ़ जाऊंगा...-