Physical distance is a vector quantity.
Having both magnitude and an exactly opposite direction to affinity.
Giving rise to suspicion, repulsion and susceptibility.
And when its limit tends to infinity
everything just vanishes- Love, Trust, Sanity.-
संतोष केवल कल्पना में हैं और कल्पना बाहर स्वतंत्र घूम रहीं हैं।
- Prabhu-
इन हवाओं का यूं गुजरना,
मंडराना मेरे चारों ओर और कहीं बह जाना,
टपटप करती बूंदों का गिरना,
मिट्टी से तेरी सोंधी खुशबू का आना और फिर कहीं चले जाना।-
खबर हुई तुमको,
वो तुमसे लंबी बातें करने वाला,
अब गुमसुम- अनमना सा फिरता हैं।-
माकूल जवाब दिए जा इस जमाने का,
यहां लोग बस ज़िक्र पर फ़िक्र करते हैं,
आधे जिन्दा हैं और आधे जिन्दा होने का ढोंग करते हैं।-
मुझमें अभी भी कहीं बाकी हैं तू,
तेरी याद आने पर मेरा रोना इसी का सबूत हैं।-
जलते हुए सूरज में काली आकृति,
पसीने से सरोवार पूरी देह,
गर्मी की उमस में टिपटिपाटा मौसम,
उसमें उस मजदूर का चिपचिपा श्रम।
ऑफ़िस में बैठकर कमर सीधी करना,
लाइब्रेरी में भविष्य को टोहना,
पालकर बैठना भरी दोपहर में,
घर की ठंडी लस्सी और पीपल की छांव का भ्रम।
अन्धेरी रात में चाँद का साम्राज्य,
चांदनी पर्दा पार कर गया चंद्रयान,
गर्वित-आनंदित-जिज्ञासा उजाले के उस पार की,
और फिर लूट-खसोट-बलात्संगों का वही क्रम।
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तेरा हौले से मुस्कुराना,
वादा करके मुकर जाना।
मेरा वहीं खड़े रहना,
और तेरा कोने से खिलखिलाना।
तेरा दिन भर अता- पता ना होना,
और रात में मेरा जल्दी सो जाना।
मेरे मौहल्ले का तेरा हो जाना,
और तेरे मौहल्ले में इसका जश्न होना।
ज़िन्दगी का वहीं कहीं होना,
और तेरा मेरा उसे ढूंढनें में लगा होना।
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