Ashutosh Singh  
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Joined 20 September 2019


Joined 20 September 2019
11 DEC 2019 AT 8:29

"मैं भी ख़ाइफ़ नहीं तख़्ता-ए-दार से
मैं भी मंसूर हूँ कह दो अग़्यार से
क्यूँ डराते हो ज़िंदाँ की दीवार से
ज़ुल्म की बात को जहल की रात को
मैं नहीं मानता मैं नहीं जानता"

#protestCAB

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9 DEC 2019 AT 17:39

तुम ने साये में खड़ा शख्स देखा हैं,
धुप में खड़ी परछाई नहीं देखी।

तुम ने मेरी महफिले देखी हैं,
तुम ने मेरी तन्हाई नही देखी।

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8 DEC 2019 AT 23:41

In this world full of lies,
Be someone's lie detector.

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6 DEC 2019 AT 21:36

रेत की महफिल में भी,
तुझमे नदियाँ तलाश करता हुँ।

मेरी शामो को मकसद देने का,
तुझमे जरियाँ तलाश करता हूँ।

गुजारे होंगे भले कुछ लम्हें ही तुमने मेरे साथ,
उन लम्हों में ही मैं सदियाँ तलाश करता हूँ।।

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6 DEC 2019 AT 21:28

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Usne bhi mujhe aise hi ignore kiya tha.

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5 DEC 2019 AT 23:47

People remembers the one who broke their trust
I remember the one who stoles my chocolate

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5 DEC 2019 AT 20:45

होकर आया हुँ इंसानो की गलियोँ से,
इंसानियत न मिली, इंसान न मिला।
इबादत के नाम के झंडे तो मिले,
पर इबादत न मिली, भगवान न मिला।।

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5 DEC 2019 AT 9:15

अब इस अधुरी ज़िंदगी में
किसी अपने की तलाश हैं

ज़ल्द ही उनसे मुलाकात होगी
मुझे पुरा विश्वास हैं।।

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5 DEC 2019 AT 3:22

UNKNOWN ANGEL

She is an Angel Still Unknown.....




Here goes a poem written for an Angel
(Read the caption)

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5 DEC 2019 AT 2:03

नाराज़गी तो अब भी हैं उनसे, पर कैसे दिखाऊ
प्यार तो अब भी हैं उनसे, पर कैसे जताऊ,

माना की अब नफ़रत सी होने लगी हैं उनके नाम से,
पर यारों अपनी पहली मोहब्बत को कैसे भुल जाऊ

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