Ashutosh Mishra   (आशुतोष...."अविरल"।)
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बेवजह
बेपरवाह
बेझिझक
ख़ामख़ा
पागल।
( #mechanical_engineering)
Joined 27 July 2018


बेवजह
बेपरवाह
बेझिझक
ख़ामख़ा
पागल।
( #mechanical_engineering)
Joined 27 July 2018
5 MAY 2019 AT 21:02

कविता हो या तुम मैने कितनी बार कहा है ज्यादा श्रृंगार अच्छा नहीं लगता ।



तुम ऐसी भी तो अच्छी हो...........।😊

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15 APR 2019 AT 23:57

कैसे कह दूँ की तू बेवफा था,
क्यूँ किसी के ज़ुबाँ पे तेरा नाम होने दूँ?

लोग मुझे गालियां दें क़बूल है हर सूरत,
मैं अपना इश्क़ कैसे बदनाम होने दूँ?

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14 APR 2019 AT 2:00

उसने हर चेहरे हर आँखों का हँसी औऱ नम मंज़र देखा,
वो मशरूफ़ रहा दूसरों को खुश करने में न अपना घर देखा।

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20 MAR 2019 AT 23:54

जात पात की करो न बातें,
न बोलो कड़वी बोली,
हाथ में लेके रंग अबीर सब
मिलके खेलो होली।
आओ मिलके गले लगो
सब भूलो बीती बातें,
आज के दिन तो राजनीति
को मारो भइया गोली।

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18 MAR 2019 AT 20:16

हे भगवन कृपा करो प्रतिपल,
असीमित महिमा औऱ शक्ति प्रबल।
हे नाथ आप जग स्वामी हो,
सर्वस्व में अंतर्यामी हो।
मैं पथिक एक बस पैदल हूँ,
मैं दास तुम्हारा अविरल हूँ।

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16 MAR 2019 AT 17:15

समझ में ये नहीं आता, न जाने कैसा मंज़र है।
लोगों की जुबानों पर दुआ,और दिल में खंज़र है।।
न जाने मुस्कुराती कलियाँ कैसे खिलती हैं उसपर।
जो जमीनें एक अरसे से,बिना बारिश के बंज़र है।।

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16 MAR 2019 AT 14:58

कभी हँसने नहीं देता, कभी रोने नहीं देता।
जो करना प्यार मैं चाहूँ, ये भी होने नहीं देता।
न जाने ग़म में संग है, या रज़ा मन्दी से मेरा है।
मैं छूना लब से जो चाहूँ, तो लब छूने नहीं देता।

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14 MAR 2019 AT 0:12


उम्र औऱ तजुर्बा तो हर साल बढ़ रहा।
कुछ जिम्मेदारियों को ये सम्भाल बढ़ रहा।
लोगों की परेशानियाँ होती अलग अलग।
मेरी भी सुनो यारों बहुत बाल झड़ रहा।

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12 MAR 2019 AT 21:11

ये लिबासी चीथड़े तन पर भी, तन ढँकने नहीं बचते।
कभी नींदे नहीं बचती, कभी सपने नहीं बचते।
तुम्हारी आजमाइश हो गयी तो,अब जरा ठहरो।
कि मत परखो परखने से सभी अपने नहीं बचते।

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13 FEB 2019 AT 11:41

ये जो नज़रें वज़रें चुरा रही हो तुम,
कुछ बात तो है जो मुझसे छिपा रही हो तुम,
और इतनी भी मासूम तो नहीं थी कभी,
आज कल दर्पण को चाँद का दीदार करा रही हो तुम।

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