Ashutosh Mishra   (आशुतोष मिश्रा)
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Joined 24 April 2018


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Joined 24 April 2018
15 MAY 2023 AT 12:06

फैसलों से आपके मजबूर होते जाएंगे
जिंदगी तुमसे भी अब हम दूर होते जाएंगे

रोज तड़पेंगे लिखेंगे दर्द में गजलें नई
दर्द बढ़ता जाएगा मशहूर होते जाएंगे

होश में रहने की बातें कर रहे हैं लोग जो
शाम आयेगी नशे में चूर होते जाएंगे

वक्त रहते ढूंढ लो कोई दवा जख्मों की तुम
वक्त बीते जख्म-ए-दिल नासूर होते जाएंगे

ना गवाही ना ही देंगे कोई तुझको वास्ता
फैसले सारे तेरे मंजूर होते जाएंगे

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14 DEC 2022 AT 22:25

My Dearest Wife
जहाँ तक इश्क है मेरा तुम्हारा जा नहीं सकता।
तुम्हारे बिन कोई लम्हा गुजारा जा नहीं सकता।

भले तकरार होती हो कि हर एक बात पर तुमसे।
तुम्हें पलकों पे रक्खा है उतारा जा नहीं सकता।

अभी आवाज दो आ जाऊंगा मैं सामने तेरे ।
नहीं हूँ दूर इतना कि पुकारा जा नहीं सकता।

गिरे बारिश चले आंधी कि फिर तूफान भी आए।
नदी को छोड़कर कोई किनारा जा नहीं सकता।

मेरा चेहरा जो रोशन है, वो तेरे प्यार से ही है।
तुम्हारे बिन मेरा चेहरा संवारा जा नहीं सकता।

तुम्हें ही चाहने की लग गई ऐसी लगन "मिश्रा"।
करें कोशिश चाहें जितनी सुधारा जा नहीं सकता।

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14 SEP 2020 AT 22:12

सौ दर्द की सजा मिली एक इश्क के गुनाह में
मेरी जिंदगी बदल गई बेशक तुम्हारी चाह में

मैंने रूह को भी रंग लिया था एक तुम्हारे रंग से
अफसोस मैं ना आ सका फिर भी तेरी निगाह में

मंजिलें मिल जाएंगी ऐसा कभी चाहा कहाँ
थी तलब तुम्हारे साथ की मैं आ गया तेरी राह में

रातों को घूमता फिरा दिन में भी मैं न सो सका
मुझे फर्क ही नहीं पता अब शाम और सुबाह में

मैं डूबता ही रहा कोई सिरा मिला नहीं
मेरी सांस ही उखड़ गई न जा सका तेरी थाह में

मैं ढूंढता रहा उसे वो फिर कहीं मिला नहीं
जो सुकूँ मुझे अब तक मिला "मिश्रा" तेरी पनाह में

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25 JUN 2021 AT 23:38

जहां चाहो वहां दुनिया में जा कर देख लेना तुम
मैं तुमको याद आऊंगा भुला कर देख लेना तुम

छुटेंगे ना कभी दिल से हमारे प्यार के धब्बे
अगर चाहो सर्फ से भी धुला कर देख लेना तुम

मनाएगा नहीं कोई हमारे बाद फिर उतना
यकीं ना हो तो मुँह वैसा फुला कर देख लेना तुम

करे कोई चाहें जितना हमारा ज्यादा निकलेगा
किसी से भी इश्क मेरा तुला कर देख लेना तुम

नहीं निकलेंगे अब आंसू किसी भी दर्द में मेरे
तुम्हें गर देखना हो तो रुला कर देख लेना तुम

नहीं हूँ दूर तुमसे मैं तुम्हारे पास हूँ "मिश्रा"
कभी जो दिल करे तेरा बुला कर देख लेना तुम

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31 MAR 2021 AT 21:50

तेरा इश्क है दरिया कोई मैं बहूं नहीं तो क्या करूं
तेरी हर अदा ही जहर सी है मैं मरूं नहीं तो क्या करूं

सीखा नहीं कुछ भी अलग तुझे चाहने के सिवा
तुझे प्यार भी मेरे सनम मैं करूं नहीं तो क्या करूं

तेरे बिना दुनिया है क्या जैसे कोई शमशान हो
ये रात है काली घनी मैं डरुं नहीं तो क्या करूं

शिकवा भी मैं न कर सका तेरी बेरुखी के दर्द का
इस दर्द से आंखें भी अब मैं भरूं नहीं तो क्या करूं

इसके सिवा तू ही बता कोई ठिकाना है कहाँ
तेरे दिल में भी ओ जाने जाँ मैं रहूं नहीं तो क्या करूं

"मिश्रा" ने तेरे नाम से लिखी है यह प्यारी गजल
तेरे सामने इसे बैठकर मैं पढूं नहीं तो क्या करूं

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3 JAN 2021 AT 18:18

दिलों में गुल मोहब्बत का अभी तक खिल नहीं पाया
वो मेरा हो चुका है और मुझे ही मिल नहीं पाया

ना जाने क्या हुआ ऐसा जरा सा देख कर उसको
खड़ा था बुत कोई बनकर जरा भी हिल नहीं पाया

दिखे चेहरे कई हमको हसीं उससे भी ज्यादा थे
मगर उससे हसीं अब तक कोई भी दिल नही पाया

मोहब्बत भी बयां कर दी कहा कुछ भी नहीं उसने
इशारों में कहीं ऐसा कोई काबिल नहीं पाया

निगाहों के समंदर में भटकना भी गंवारा हो
बड़ी होगी खुशी "मिश्रा" अगर साहिल नहीं पाया

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26 DEC 2020 AT 22:26

मिले गर एक काफी है हजारों में नहीं मिलता
ये एहसास-ए-मोहब्बत है बाजारों में नहीं मिलता

अगर वो ना दिखे मुझको तो कुछ अच्छा नहीं लगता
सुकूँ कोई जमाने के नजारों में नहीं मिलता

उसे बस देखते रहना इबादत जैसा लगता है
मैं क्यूँ जाऊं खुदा मुझको मजारों में नहीं मिलता

उतर कर बीच दरिया के जमीं तक जाना पड़ता है
कभी मोती मोहब्बत का किनारों में नहीं मिलता

हसीं हों सैंकडों तो क्या वही बस सबसे प्यारा है
हमारे चांद सा चेहरा सितारों में नहीं मिलता

दिलों की बात को "मिश्रा" जुबां पर लाना ही होगा
यहाँ हर बात का उत्तर इशारों में नहीं मिलता

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12 SEP 2020 AT 1:04

मेरा दिल तो रोता ही है तेरा दिल भी छलका होगा
किसी रोज तिरे आईने में चेहरा मेरा झलका होगा

बड़ा भार था गुस्से का तुझ पर जो मुझ पर सारा बरस गया
कह चुके हो मुझको भला बुरा अब शायद मन हल्का होगा

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22 AUG 2020 AT 17:58

किसी खुशी कि मुझे कोई जुस्तजू ना रहे
तुम्हारे बाद भी जीने की आरजू ना रहे

बहे ना मिलके अगर इसमें मोहब्बत तेरी
पानी हो जाए ये लहू भी फिर लहू ना रहे

खुद की आवाज भी सुनना मुझे मंजूर नहीं
मौन हो जाऊं अगर तुम से गुफ्तगू ना रहे

वो जिसको देख के सँवरा हूं मैं तुम्हारे लिए
फिर वो आईना कभी मेरे रूबरू ना रहे

सारी दुनिया की शौहरतों का क्या करें "मिश्रा"
तुम्हारी आँख में जो मेरी आबरू ना रहे

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4 JUN 2020 AT 12:47

मिलेगा और कोई ना जमाना ढूंढ कर देखो
मेरे जैसा कोई पागल दीवाना ढूंढ कर देखो

जहां बस तुम,तुम्हारा प्यार,तुम्हारी याद रहती हो
मेरे दिल सा कोई अपना ठिकाना ढूंढ कर देखो

चलेगी फिर पता कीमत हमारे प्यार की तुमको
मोहब्बत में वफाओं का खजाना ढूंढ कर देखो

बहाने खुद मिलेंगे बस हमारे पास आने के
जरा तुम दूर जाने का बहाना ढूंढ कर देखो

हसीं चेहरों की दुनिया में कमी कोई नहीं "मिश्रा"
कोई दिल से भी हो इतना सुहाना ढूंढ कर देखो

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