कभी कभी कितना कुछ कहना होता है तुमसे पर तुम सुनते ही नहीं। कभी-कभी कशमकश सी होती है मन में पर तुम सुनते ही नहीं।
सवालों के पिंजरे में उलझनों के तरह फसा हुँ, तुझमें जवाब तलाश रहा हूँ, पर तुम सुनते ही नहीं।-
जीवन” जितना सादा रहेगा…,
“तनाव” उतना ही आधा रहेगा।
योग करें या ना करें पर…
ज़रूरत पड़ने पर एक दूसरे का
सहयोग ज़रूर करें..!
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"ख़ामोशी की तह में छुपा लो सारी उलझनें,
शोर कभी मुश्किल को आसान नहीं करता"-
शेर कितने कहे कितनी ग़ज़लें कहीं,
तूने छोड़ा जहाँ मैं वहीं कि वहीं,
तू अगर साथ है ज़िंदगी ,ज़िन्दगी,
तू नहीं है तो जीवन में कुछ भी नहीं ...-
जब जब मैं कुछ अलग करने की सोचने लगा ,
तब तब जमाना मुझे शिद्दत से रोकने लगा ,
लिखना सिखाया था मुझे जिस कलम ने ,
अभी लिखने लगा हूँ तो वो स्याही ही सोखने लगा ।।-
आज कल के रिश्ते तो new year wish नही करने पे भी टूट जाते....
सोच से नाज़ुक होना अच्छी बात है लेकिन रिश्तों से खेलवाड़ उतना ही गलत..😊-
नीचे के सीढ़ियों से चढ़ कर पर जाने में जो मजा है
ओ आज के लिफ्टों में नही😎
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अच्छे लोगो की कभी परीक्षा मत लीजिए क्योंकि वो पारे की तरह होते हैं जब आप उनपर चोट करते हैं तो वो टुटते नहीं है फिसल कर चुपचाप आपकी जिंदगी से निकल जाते हैं
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हौसला बुलंद रखो
कभी हँसता हूँ कभी रोता हूँ
कभी वक्त को देख कर
कभी खुद को देख कर
रोता हूँ आज वक्त मेरा मजा ले रहा
और हँसता हूँ कल मैं भी वक्त का मजा लूंगा।।
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