इश्क़ के हाथों मजबूर ही होगा शायद
यूं ही कोई खुद को बर्बाद नहीं करता !!-
हम भी उस खुदा के शुक्र गुजार हैं जिसने ख्वाब बना दिये...!!!
ना मिलने देने का दूरियों को अब बहाना नहीं मिलता...!!!-
गर तुझ संग दग़ा किया तो ऐसा भी क्या गुनाह किया...!!!
आइने सा जो हूं मैं बस तुझ में तुझको दिखा दिया...!!!-
तुझे देखे बिना कभी दिल भरता नहीं मेरा...
और यूं तो दिल से दूर कभी तू गया ही नहीं...
यूं तो दीदार कभी लाज़मी ना था पर सुन...
हरदम देखे बिना तुझे कभी जिया भी नही...-
Aao kabhi baithen kisi mehfil-e-khash me...
Sunate hain apna haal-e-Dil us suhani Shaam me...
Sunna aur sunkar kar tmhi faisala kar lena...
Ki khwabon me kitani baar deedar hua unka us beeti hui Raat me...-
Jo Insaan raton ki Roti apne naseeb se ni balki mehanat se kamata hai....
Khud Khuda bhi usse kuch chinne se pehle Sau dafa khauf khata hai....-
हमको मालूम है मेरी मोहब्बत अब भी ना भुला पाये होगे,
मेरा दिया गुलाब अब सूखा ही सही पर किताबों में छुपाये होगे...!!!-
Kah dun Kya, Labon se Muskurana chor do...
Ya yun Nazaron ko Jhukana chor do...
Noor-e-Hushn mere sanam ka hai Chand sa...
Kya Kah dun Jamane se ki Chhat par aana Chor do...-
माना अभी निराश हूं
कुछ ज्यादा ही हताश हूं
पर डरी नही मुश्किलों
आखिर में भी 'आस' हूँ।।
जो खोया वो पा लूंगी
सब अपना बना लूंगी
फिर अंधेरों को चीर कर
उन उजालों को पा लूंगी
जो बुझती नहीं वो प्यास हूँ
आखिर में भी 'आस' हूँ।।
कल फिर महफिल बनूंगी
माना आज अवकाश हूं
कल फिर मंजिल बनूंगी
माना आज तलाश हूं
मैं आम नहीं हूं खास हूँ
आखिर मैं भी 'आस' हूँ।।-
हर गुजरते सितम के संग मेरे इश्क़ का रंग और गहरा हुआ...!!!
मिलने की तलब तब और बढी जब जब दर पे तेरे पहरा हुआ...!!!-