Ashutosh Bharti   (आशुतोष भारती)
404 Followers · 161 Following

read more
Joined 14 November 2017


read more
Joined 14 November 2017
20 DEC 2018 AT 17:45

दिल के मुकाम को संभाल कर रखना..
लोग बहुत मिलेंगे टुकड़ों में तोड़ने वाले..

जो तुम्हारे साथ दिखेंगे हर पल..
वही तुम्हारे खिलाफ होंगे एक पल..

-


19 DEC 2018 AT 14:02

मेरे दिल का एहसास हो तुम..
इस जंहा में लाजवाब हो तुम..

यूं कहने के लिए तो बहुत दूर हो मुझसे..
पर, हर वक्त इस दिल के पास हो तुम..

जिसे याद किए बीना दिल थमता नहीं..
वो नूर की एक अप्सरा हो तुम..

मेरे अल्फ़ाज़ की एक पहचान हो तुम..
मेरे दिल का एक एहसास हो तुम..

इस जंहा में लाजवाब हो तुम..
इस जंहा में लाजवाब हो तुम..

-


18 DEC 2018 AT 16:29

पागलपंती भी जरुरी है,
हसने और हसाने के लिए..

खुल कर मुस्कुराना भी जरुरी है,
गम को छुपाने और भुलाने के लिए..

-


17 DEC 2018 AT 16:05

कुछ लम्हें में खुशी होती है,
तो कुछ को बनानी परती है..

कोई उसे यूंही गवां देता है,
तो कोई खुल कर जीता है..

-


3 OCT 2018 AT 19:48

लोग कहते है मैं मुस्कुराता बहुत हूँ..
असल में वो मेरे मुस्कान के नक़ाब को चेहरा समझ बैठे है..

लोग कहते है मैं शान्त बहुत हूँ..
असल में वो मेरे लेखनी के गर्जना को भूल बैठे है..

लोग कहते है मैं लिखता बहुत हूँ..
असल में वो मेरे दिल के एहसास को शब्द समझ बैठे है..

-


29 SEP 2018 AT 3:03

ये नज़रें भी कभी-कभी खेल खेल जाती है..
बिना कहे दिल के सारे पोल खोल जाती है..

पहली मुलकात से सारे लम्हें को सजाए जो रखती है..
ऐसेही मुझे वो कुछ हसीन पल याद दिला जाती है..

-


27 SEP 2018 AT 22:05

क्या रखा है अब इनसब बातों में..
कभी झूठे कहलाते है उनके नज़रों में..

तो कभी झूठे बन जाते हैं..
उनके हर एक बातों में हम..

-


21 JUL 2018 AT 0:15

आफ़तों की नगरी में एक तिनका-सा हूँ मैं,
बेनाम पंक्षी के घोसले से बिछड़ा हूँ मैं..

उसकी तरह मन चाहा उड़ान तो नहीं लगता हूँ,
लेकिन हवाओं के साथ उससे ऊँचा उड़ता हूँ मैं..

-


26 JUN 2018 AT 23:59

हम खुशियों के ख्वाबों में यूं उदास बैठे है..
किस्मत के परे उसे पाने को बेताब बैठे है..

कुछ कहने को तैयार बैठे है..
कुछ सुनने को बेकरार बैठे है..

-


24 JUN 2018 AT 22:46

तुम से मिलने का इंतिज़ार ही तो रहता है,
तुम्हारे उल्फ़त में खो जाने का मन करता है..

ना जाने मेरा दिल इतना याद क्यों करता है,
बस तुम से मिलने का ही मन करता है..

-


Fetching Ashutosh Bharti Quotes