रोज सपनों में एक धुंधला-सा चेहरा नज़र आता हैं..
उसकी वो परियों-सी मुस्कान मुझे खुशनुमा कर जाता हैं..
वैसे कहने को तो वो साथ मेरे हमेशा रहती हैं..
लेकिन सपनों से बाहर उसकी यादें ही रह जाती हैं..
-
💻 Student of Engineering
📖 दिल की बाते दिलसे समझने वालो क... read more
याद तो आता है बहुत वो बचपन अपना..
ना किसी बात का गम..
और ना किसी बात का अफसोस..
जीना अपनी मर्जी से, लेकिन सुनना सबका..
वो पापा से चॉकलेट के लिए रुपये माँगना..
बहुत याद आता है वो बचपन अपना..
वो रोज कपड़े गंदे करके घर मे माँ से डॉटे सुनना..
पापा का रोज विद्यालय छोड़ने आना और ले जाना..
वो बड़ो का नकल करके दिखलाना और जंगलों मे खेलना..
दोस्तों से झगड़े करना और बाद मे फिर उन्हीं के साथ खेलना..
बहुत याद आता है वो बिता हुवा पल अपना..
काश वो दिन वापस आ जाते..
फिर से वो लम्हें जी पाते..
शायद ये सम्भव नहीं है अब..
-
मौसम बहुत बेईमान है..
कहने को बदनाम है..
लेकिन दिवानो के लिए..
यादों का भरमार है..
-
कुछ इस समय की पावंदी थी,
तो हमारी भी कुछ मजबूरी थी..
लेकिन कुछ तो था हमारे दरमियान कहने के लिए,
यूँ खुद में खुद-ही को खोने के लिए...
-
कुछ खास हो आप..
चार पंक्तियों की नहीं..
पूरी ज़िंदगी की एक किताब हो आप..
मेरे ज़िंदगी में कुछ खास हो आप..
-
दिल की बात को जान जाना,
हर किसी के बस में नहीं..
जान कर यूँ ही बच जाना,
हर किसी के लिए आसान नहीं..
-
याद बन कर रह गई हो तुम..
उम्मीद दिला कर बिछड़ गई हो तुम..
काश पलट कर रोक लिया होता तुम्हें..
तो आज यूँ याद ना होती तुम..
-
खुद पर से भरोसा खोने लगा हूँ..
समझ के परे कुछ करने लगा हूँ..
कुछ यादों को साथ रखने के लिए..
तो खुद में ही खोने के लिए..
कल क्या होगा यहाँ पर इससे अंजान..
आज दो पल खुलकर जीने लगा हूँ..
-
इस जहान में कुछ अपनी मजबूरियाँ थी..
तो कुछ इस समय की लाचारियाँ थी..
ठाम हाथ समय का इस ज़िन्दगी नें..
मुझे यूँ अकेला रहना सीखा दिया..
-
जब प्यार की बातें इन आँखों से उतर जाती है..
तब चेहरे पर झूठी मुस्कान की परत आ जाती है..
-