सादगी कोई शिक्षा नहीं, जो किताबों से हासिल हो..
ये वो संस्कार है जो, जो किरदार से झलकता है..!!-
जो खिड़की आपको दुख पहुंचाती है उसे बंद कर दीजिए, चाहे दृश्य कितना भी सुंदर क्यों न हो..!!
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सबसे ना मिला करो इतने सादगी के साथ ये दौर अलग है ये लोग अलग है ये दुनिया वो नहीं है जो आप देखते हो अगर आप इस दौर मे इस दुनिया मे वफा ढूंढ रहे हो तो बडे नादान हो क्यों की आप जहर की शीशी मे दवा ढूंढ रहे हो.
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कहतें हैं.. बंधनों के कई रूप होते हैं... सात फेरों का बंधन, सात जन्मों का बंधन, जन्मों जन्मों का बंधन... पर एक बंधन और भी होता है...
"मन से मन का बंधन..." न बांधने की चाहत.. न छूटने का मन... बस ऐसा है ये.. मन से मन का बंधन..!!
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तुम अपनी तरह बनों । जो हो, जैसे हो, वैसे ही रहो ।।
यदि दूसरों के लिए स्वयं को बदलना इतना ही आवश्यक होता । तो कुदरत ने सबको एक-दूसरे से यूं भिन्न बनाया ही ना होता ।।
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बात-बात पर यूँ दिल दुखाना क्यों है, जो ना समझे तुम्हें...
उन्हें बार-बार समझाने में वक़्त गंवाना क्यों है, रहने दो मग्न उन्हें उनकी दुनियाँ में... उन्हें अपनी दुनियाँ का हिस्सा बनाना क्यों है।-
जिससे भी मिलिये.. मोहब्बत से मिलिये..!!
लोग बताते नहीं.. मगर तन्हा बहुत हैं..!!
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"कर्म"
एक ऐसा रेस्टोरेंट है जहां आर्डर देने की जरुरत नहीं है, हमे वही मिलता है जो हमने पकाया है..!!-