Ashu Mishra   (Ashu ki baatein)
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Part time writer ✍️
Joined 7 February 2020


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6 AUG 2021 AT 16:09

बुरी आदतों से परेशान हो जाना

उनसे उबरने का पहला संकेत है।

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20 AUG 2021 AT 22:10

कैसे छिपाऊँ भला मैं अपना प्रेम इस सृष्टि से,
कभी छिप पाया है चंन्द्रमा निशा की दृष्टि से?

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7 AUG 2021 AT 11:38

प्रसन्नता प्रदान करने वाली वस्तुएँ एवं घटनाएँ बाहरी होती है, प्रसन्नता सदैव भीतरी होती है। प्रसन्नता एक‌ भाव है जो बाहरी वस्तुओं से सक्रिय आवश्य हो सकती है परंतु उसका नियंत्रण हमारे ही‌ हाथो‌ं मे होता है। प्रसन्नता एक संतुष्टि का भाव है, जो हर परिस्थिति में हमें संयमित रखता है। जब विषम परिस्थितियों में भी हमारा ह्रदय मात्र सकारात्मकता पर ही केंद्रित रहता है, तब हमें प्रसन्नता का अनुभव होता है। प्रसन्नता हमारे मन का शुद्धिकरण है। प्रसन्नता कोई कठिनाई से मिलने वाली निधि नही अपितु एक विकल्प है, जो हर परिस्थिति में सकारात्मकता के रूप में हमारे समक्ष आता है। हमें सिर्फ उसका चयन कर अपने ह्रदय में संतुष्टि को स्थापित कर लेना चाहिए।

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6 AUG 2021 AT 16:13

Expecting leads to imperfection,

Accepting leads to satisfaction.

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23 JUL 2021 AT 19:10

बरसते आँसू तेरी गोद में रुककर,
मिट जाते हैं तेरे‌ पल्लू में छुपकर,
जाने क्या बरकत है माँ तेरी इस खुदाई में,
कि‌ और ऊँचा हो‌ जाता हूँ तेरे सदके में झुककर।

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22 JUL 2021 AT 19:27

सांवली सी रातों में भी सवेरा हो गया,
बंजरों की ज़मीनों पर बसेरा हो गया,
दिल में उम्मीदें रखकर मैं देखता था चाँद को,
मैंने ख्वाहिश भी नही की, और वो मेरा हो गया।

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22 JUL 2021 AT 18:48

अब चाहत है इतनी कि अपनों की चाहत बनूँ
गमों‌ की ख़ामोशी में मस्ती की आहट बनूँ,
ऐ खुदा तू कर एेसी रहमत अपने बंदे पर,
कि‌ किसी के आंसुओं में भी उनकी‌ मुस्कुराहट बनूँ।

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20 MAY 2021 AT 21:43

यूं रुख मत बदलो, हवाओं की अंगड़ाई टूट रही है,

देखकर तुम्हारे होठों की शबनम, ये बारिश रूठ रही है‌।

🤭❤️










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20 MAY 2021 AT 20:30

बिंदू की माँ टी.व्ही. बंद होते ही बिखर गयी‌। उसके आंसू बिना देर किए छलक आये, उसके हाथ-पाँव ने खून के जमने को‌ महसूस कर लिया था और उसकी चीख शायद पुलवामा के उस धमाके से भी ज़्यादा भयानक थी, जिसमें बिंदू के पिता राजेश की जान शहीदी के चोले को ओढ़ आज ही गयी थी‌। घर में सन्नाटा था, मगर चीखों और वेदनाओं से भरा। एक उजाला था, अंधेरों से घिरा। एक उदासी थी आसुओं से भरी। बिंदू दरवाज़े पर खड़ी सब देख रही थी। अपने घर को बिखरते हुए, अपनी माँ को टूटते हुए, अपने भविष्य को उजड़ते हुए, अपनी किस्मत को तड़पते हुए और अपने ख्वाबों को मरते हुए। ना जाने क्यों वो हर बार की तरह दरवाज़े पर खड़ी उस गली के किनारे को देख रही थी, जहाँ से राजेश हर बार एक उसकी खुशियों का आधा हिस्सा लिए आता था, और जोड़कर उसे पूरा कर देता था‌। ना जाने अपनी मुट्ठी में अपनी आधी खुशियों की राख लिये वो क्यों उस गली के किनारे को तके जा रही थी‌। ना जाने क्यों।

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15 MAY 2021 AT 17:48

It looks so close but it's so far,
How big are you, the burning star,
The bursting gases you have in core,
The more you burn, you glow more,
Having a solar system all around,
That's how humongous that sound,
You give the light, you give the life,
You are the reason for life that's thrive,
To make the energy, you give the heat,
You are the savior, you are the treat,
Crossing the universe from different instars,
They are in billions, the burning stars.

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