Ashokj Dulaar   (Dulaar)
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Teacher in a Government School
Joined 5 May 2018


Teacher in a Government School
Joined 5 May 2018
16 HOURS AGO

जो अपने थे सब छूट गए

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16 HOURS AGO

काम सफल सब होगा
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काम सफल सब होगा निश्चित, कर खुद पर विश्वास/
कर्तव्य निभाता चलता चल, रख कर मन में आस//

दौड़ लगाने वाला गिरता, मत करना उपहास/
झेल विफलता करता कोशिश, बोल उसे शाबाश//

कोशिश करते देख किसी को, हो जाता आभास/
कितनी शिद्दत चाहत में है, कितनी गहरी प्यास//

करने से ही होता है सब, बिना किए हो नाश/
पहचान बनाना पड़ता खुद हीं, क्यों नहीं एहसास//

कितने भी गंभीर रहो पर, बनो किसी के खास/
मिटे जटिलता जीवन की सब, ऐसा रहे प्रयास//

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20 HOURS AGO

काम सफल सब होगा
*******--------*******
काम सफल सब होगा निश्चित, कर खुद पर विश्वास/
कर्तव्य निभाता चलता चल, रख कर मन में आस//
दौड़ लगाने वाला गिरता, मत करना उपहास/
झेल विफलता करता कोशिश, बोल उसे शाबाश//
कोशिश करते देख किसी को हो जाता आभास/
कितनी शिद्दत चाहत में है, कितनी गहरी प्यास//
करने से ही होता है सब, बिना किए हो नाश/
पहचान बनाना पड़ता खुद हीं, क्यों नहीं एहसास//
कितने भी गंभीर रहो पर, बनो किसी के खास/
मिटे जटिलता जीवन की सब, ऐसा रहे प्रयास//

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20 HOURS AGO

विषय : विजय
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विजय पराजय में सदा,
रहे एक समभाव।
अतिशय शोक न हर्ष तब,
मिटते क्लेश अभाव।।

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21 HOURS AGO

एक बार सच बोल
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महिमा सच की है बड़ी, कौन सकेगा तोल।
झूठ हजारों हारता, एक बार सच बोल।।
एक बार सच बोल, सत्य है सबसे भारी।
सत्य वचन अनमोल, टिकी है दुनियादारी।।
बहुरंगी है झूठ, नहीं फिर भी है गरिमा।
सीधा-सादा सत्य, बखान करे सब महिमा।।

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23 JUN AT 17:00

समाचार
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समाचार के नाम पर, होता अब खिलवाड़।
सत्य दबाकर झूठ का, चलता है व्यापार।।

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23 JUN AT 14:56

था किया कभी स्वीकार मुझे, उन यादों से है प्यार मुझे।
मैं भी तुमको चाहा था, नहीं आज इनकार मुझे।।
जब-जब हमने अपनाया है, पड़ा झेलना वार मुझे।
जीत मुबारक उनको शत-शत, अगर मिले भी हर मुझे।।
किया भरोसा जिस पर जब जब, छला वहीं हर बार मुझे।
चला चली की है अब बेला, अब तो छोड़ो यार मुझे।।
सौदेबाजी से दूर रहा, समझ न है व्यापार मुझे।
शिकवे और शिकायत अब क्या, लगता अब बेकार मुझे।।
दुनिया जाने नुकसान नफा,ये सब लगता भार मुझे।
चाह मुक्ति की बची एक बस,जाना अब उस पार मुझे।।

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23 JUN AT 14:44

बोझ नहीं यह बेटी होती, होती घर की शान।
बाबूजी के बसते जिसमें, मानो जैसे जान।।
करतब देख निराले उनके, पुलकित होते प्राण।
घर-भर की वह राज दुलारी, अम्मा की अरमान।।
बहना चाहे दीदी छोटी, भाई की है आन।
खुद से ज्यादा ख्याल सभी का, रखती सबका मान।।
कमतर नहीं किसी बातों में, जब लेती है ठान।
लाँघ रही है ऊंँची चोटी, उड़ा रही है यान।।
खुशी रहे जब घर की बिटिया, बनी रहे मुस्कान।
होने में फिर देर न लगती, हर मुश्किल आसान।।
खम्म ठोंक कर आगे आगे, कैसा भी अभियान।
कठिनाई से डरे नहीं, नहीं कभी मुख म्लान।।
जल थल नभ में डटी हुई, अपना सीना तान।
भारत मां की बेटी ऐसी, उन पे है अभिमान।।

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23 JUN AT 13:28

जैसे तैसे कटे जिंदगी
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जैसे तैसे कटे जिंदगी, सब की यहीं कहानी है/
अच्छे दिन भी महज छलावा, बातें हुई पुरानी है//
इसको देखा उसको देखा, सब लगता बेमानी है/
मिली जिसे सत्ता की चाबी, करे वही मनमानी है//
आक्रोश जमा होता जाता, उठना कभी सुनामी है/
सत्ताधीशों की शामत तब ,होना पानी पानी है//
देश प्रगति के पथ पर है जी, खर्ची जमा जुबानी है/
आश्वासन का ओस चाट कर, कब तक सहे जवानी है//
मुट्ठी भर हैं लोग यहांँ पे, जिनकी अलग पिहानी है/
जद्दो जहद जीने की इतनी, मूक हुए सब प्राणी है//
कितने आए गए धरा से, कुछ ही छोड़ निशानी है/
मान लिए कुछ जमे रहेंगे, बात बड़ी बचकानी है//
रह जाएगा धरा यहीं सब, दुनिया आनी जानी है/
फर्क न पड़ता इससे कुछ भी, टाटा या अंबानी है//

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23 JUN AT 13:13

गुनहगार है कौन
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घटना के पीछे छुपी, बातें जब तक गौण।
सत्य प्रकट होता नहीं, गुनहगार है कौन।।
गुनहगार है कौन, अभी मुश्किल है कहना।
एक मात्र आयाम , नहीं संभव है रहना।।
कितने भागीदार , सभी परतों को हटना।
पृष्ठभूमि बिन बीज , नहीं घटती है घटना।।

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