Ashok Vij   (Ashok vij)
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Orthopaedic surgeon by profession
Poetry is passion ...reading n writing
Joined 14 December 2016


Orthopaedic surgeon by profession
Poetry is passion ...reading n writing
Joined 14 December 2016
18 SEP 2022 AT 18:10

नज़ारे खूबसूरत हों न हों
हवाओं में महक हो न हो
माहौल में सुकून हो न हो
आसपास चाहे कोई न हो
जब तुम मेरे साथ होते हो
तब कोई चाहत नहीं रहती।

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16 APR 2022 AT 22:58

यह पुष्प मूक है ।
इसे न तो प्रतिदान चाहिए
और न ही इसको किसी
प्रतिउत्तर की प्रतीक्षा है ।
यह केवल और केवल
मेरे समर्पण का पुष्प है ।
यह मेरे प्रेम का प्रमाण है ,
तुम्हीं को अर्पित है ।
मुझे भी इसके साथ ही
हृदय में सहेज लेना।

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10 APR 2022 AT 0:50


माँगूँ ,
क्या तुमसे ?
मेरा तो सर्वस्व ,
तुम्हारा ही दिया है ।
मेरा अपना कुछ भी नहीं ।
बिना माँगे तुमने इतना दिया है
रखने को जगह नहीं मेरे पास बची।
इच्छाएँ तो लहरों की तरह उठती रहती हैं।
किंतु विश्वास के किनारे पर वो दम तोड़ती हैं ।
प्रभु मेरी आत्मा को इतनी शक्ति दे देना
यथार्थ से कभी मुँह न मोड़ सकूँ ।
तेरा नाम हृदय पर अंकित रहे।
सत्य का साथ न छूटे ।
तुम्हीं मेरा संबल हो ।
एक इच्छा बाकी
तुमसे तुमको
माँगूँ ।

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5 APR 2022 AT 8:57

तुम्हें देखा तो है
पर नज़र भर के नहीं देखा ।
तुम्हें सुना तो है
पर मन भर के नहीं सुना।
तुम्हें छुआ भी है शायद
पर अधिकार से नहीं छुआ ।
क्योंकि तुम कोई दृश्य नहीं,
कोई स्वर नहीं , कुछ भौतिक नहीं हो ।
तुम केवल एक अहसास हो ,
हाँ , हाँ .... एक ऐसा अहसास
जिसके बिना मैं अपूर्ण ही रहूँगा ।
सच कह रहा हूँ , मैं अपूर्ण ही रहूँगा ।

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24 FEB 2022 AT 22:08

Words mean nothing by themselves .
It is the way how you speak
That gives them a meaning
But sometimes it's our prejudice
Which gives a different meaning
To the spoken words .

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4 FEB 2022 AT 14:06

लेखनी से लेख लिखे
कलम से लिखे कलाम
मुख्तसर सी बात थी बस
लिखना था तुझे सलाम।— % &

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18 JAN 2017 AT 9:56

ठोकरें खाकर ही मुसाफिर कामयाब होते हैं
पलते हैं काँटों में तो ही गुलाब होते हैं

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11 JAN 2017 AT 9:23

जानता हूँ मैं कि बातें मौत की अच्छी नहीं
ज़िन्दगी जब हद से गुज़रे तो बता मैं क्या करूँ

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4 JAN 2017 AT 23:54

 लिखता हूँ मैं
जी हां लिखता हूँ मैं
मुस्कान किसी सन्दर्भ से
चमक तेरे कथ्य की
कमाल लफ़्ज़ों का ले उधार
स्याही तेरे रोशन ख्यालों की
प्रेरणा की कलम से
लिखता हूँ मैं
हाँ लिखता हूँ मैं

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15 JAN 2022 AT 0:45

संबंधों का निभना
यानी बहुत सारी इच्छाओं का जौहर ।
अनेक प्राथमिकताओं
को तिलांजलि देने की इच्छाशक्ति होना ।
तृष्णाओं की भ्रूण-हत्या का
निर्णय लेने की क्षमता को विकसित करना ।
संबंध चाहे मानव से हो अथवा प्रभु से
परिस्थितियां वही रहती हैं ।
संबंधों की फुलवारी को
श्रद्धा और समर्पण का खाद-पानी
पूर्ण प्रतिबद्धता के साथ मिले
तो जीवन का उपवन
सुगंधित ही नहीं, सार्थक भी हो जाता है ।

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