जीवन की दौड मे ऐसे व्यस्थ हो गये
खुद मे ही खुद से मिलना भुल गये
आज तन्हा जो हूए कुछ लम्हो के लिये
आज अपनी ही पुरानी यादों के हो गये
कभी कभी जिये जो पल खुशी से
आज वो पल पलको को भिगो गये
कैसे बताऊँ जो मैं खुद नहीं जानता
कैसे हम अब तो तुम्हारे ही हो गये
अश्क
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