मुझे लगा मैं ही हूँ जो गम का मारा फिर रहा है
चश्मा उतार कर देखा जरा शहर सारा फिर रहा है-
राजस्थानी (Delhi) 💕
Snapchat :- ashokpareek2653
मुझे लगा मैं ही हूँ जो गम का मारा फिर रहा है
चश्मा उतार कर देखा जरा शहर सारा फिर रहा है-
ये आंखे, ये होंठ और ये गाल
गालों पर लहराते बाल
यूँ तो गुजरे थे साल पहले भी कई
सबसे अच्छे गुजरे ये 2 साल-
बदल गईं मंजिल
रास्ते बदल गए
बदलना पसन्द ना था हमे
तेरे वास्ते बदल गए-
कोई बहुत खास है जिसे मैं चाहता हूँ
मैं चाहता हूँ जिसे वो मेरे लिए खास है-
सखी सब आज मेरे ध्यान में लगे है
सखी मैं हर रोज सबका ध्यान रखता हूँ-