जिसकी मुस्कुराहट से मिला था कुछ दिनों पहले
उसकी विदाई नसीब नहीं हुई आज।
RIP 🙏-
दो नए लोग !
एक इधर है तो एक उधर है
मन उनके न जाने किधर है
सोचते है, सोच में रहते है
बातें अपनी बिन सोचे करते है !
दो नए लोग !
अपनी मन की मन रखते है
बोलते है बोलने के लिए
वक्त ज़ाया अपना करते है
आप बोलो, आप बोलो
ऐसा करते रहते है
दो नए लोग...-
एक नया रंग !
रंगो के इस रंग में
एक नया रंग मिल गया है
जिसको रंगो से था परहेज
उसे वृदांवन सा रंग मिल गया है...-
शब्दों की ज़ुबान
शब्द भी बोल कर थमना चाहते है !
किसी न किसी
किताब का हिस्सा बनना चाहते है...-
किस हद तक जाएगा !
कितना बिखेरे गा
ये जब बसंत आएगा ना
तब सब खिल-खिलाएगा...-
ये जो मौसम है ना
बदल रहा है !
तुम पूछोगे हालचाल
और हम कहेंगे
मौसम बदल रहा है...-
नज़ारे आज़ाद है !
कैद नज़रों से देखा जिसने
उसने सब आज़ाद देखा !
देखी नहीं तो बस अपनी आज़ादी !
उसने जंगल में खड़े पेड़ पौधों को आज़ाद कहा
आसमान में उड़ते पक्षी,
और एक जंगल में चरते जानवर को आज़ाद कहा...-
जैसे सर्द रात में वो बरस रहा है
मान लो अंदर से वो रो रहा है
पूछा किसी ने नहीं उससे
वो क्यों बरस रहा है
वो इस रात भी रो रहा है...-