तुझसे प्रेम है बहुत
तेरा खयाल भी उतना ही है,
कहीं खामखा
तू मेरे नाम से बदनाम न हो।-
अशोक गुप्त 'नवीन'
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Joined 20 August 2018
23 MAR 2022 AT 6:08
23 DEC 2021 AT 10:48
हेयर बैंड का रंग उसके
बहुत प्यारा है,
पर खुले बालों में मुझे
वो अच्छी लगती है।-
14 DEC 2021 AT 23:22
इतने करीब होकर
अब अजनबी न बनो,
तुझे दिल में बसाकर रखूँगा
मेहताब की तरह।-
8 DEC 2021 AT 22:23
स्वाभिमान और अभिमान के
दरम्यां एक बहुत
पतली विभाजक‐रेखा होती है।
अतिशय स्वाभिमान भी
एक प्रकार का अभिमान है।-
29 NOV 2021 AT 22:31
बचपन की सखियों के साथ
घूमने निकली थी आज,
खामखा लोग
उम्र का अंदाजा लगा बैठे।-
28 NOV 2021 AT 20:27
सफलता बुद्धि, स्वास्थ्य,
परिश्रम, योग्यता,
अवसर और भाग्य की
लघुतम समापवर्त्य होती है।-
17 NOV 2021 AT 12:01
अनियंत्रित मन
न प्रेम को व्यवस्थित रूप दे सकता है,
न जीवन को।-
14 NOV 2021 AT 7:56
तेरी बातों में
न जाने
कैसा जादू है !
खिंचा चला जाता हूँ
हर रोज,
तेरी ओर !! ❤-
11 NOV 2021 AT 7:52
तूने सच ही कहा
तेरा फ़ितूर जल्दी उतरता नहीं,
मैं भी वशीभूत हूँ
सुकून मेरा अब तुम ही में है।-
11 NOV 2021 AT 6:07
वो कहती रहीं
तुझसे नाराज़ नहीं हूँ,
मुझे सुनना था
नाराज होकर कहाँ जाऊंगी।-