अशोक गुप्त 'नवीन'  
100 Followers · 137 Following

Joined 20 August 2018


Joined 20 August 2018

तुझसे प्रेम है बहुत
तेरा खयाल भी उतना ही है,
कहीं खामखा
तू मेरे नाम से बदनाम न हो।

-



हेयर बैंड का रंग उसके
बहुत प्यारा है,
पर खुले बालों में मुझे
वो अच्छी लगती है।

-



इतने करीब होकर
अब अजनबी न बनो,
तुझे दिल में बसाकर रखूँगा
मेहताब की तरह।

-



स्वाभिमान और अभिमान के
दरम्यां एक बहुत
पतली विभाजक‐रेखा होती है।
अतिशय स्वाभिमान भी
एक प्रकार का अभिमान है।

-



बचपन की सखियों के साथ
घूमने निकली थी आज,
खामखा लोग
उम्र का अंदाजा लगा बैठे।

-



सफलता बुद्धि, स्वास्थ्य,
परिश्रम, योग्यता,
अवसर और भाग्य की
लघुतम समापवर्त्य होती है।

-



अनियंत्रित मन
न प्रेम को व्यवस्थित रूप दे सकता है,
न जीवन को।

-



तेरी बातों में
न जाने
कैसा जादू है !
खिंचा चला जाता हूँ
हर रोज,
तेरी ओर !! ❤

-



तूने सच ही कहा
तेरा फ़ितूर जल्दी उतरता नहीं,
मैं भी वशीभूत हूँ
सुकून मेरा अब तुम ही में है।

-



वो कहती रहीं
तुझसे नाराज़ नहीं हूँ,
मुझे सुनना था
नाराज होकर कहाँ जाऊंगी।

-


Fetching अशोक गुप्त 'नवीन' Quotes