अशोक अजनबी   (अशोक अजनबी)
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Composer, Singer, Guitarist, Photographer & Writer
Joined 27 March 2020


Composer, Singer, Guitarist, Photographer & Writer
Joined 27 March 2020
20 JUN 2023 AT 8:18

सफल व्यक्ति के झूठ को सच से अधिक मान मिलता है और असफल व्यक्ति के सच को हर जगह अपमान मिलता है ।


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11 JUN 2023 AT 7:23

सुबह की ठंडक खोने लगी है
धूप तल्ख़ तेज़ होने लगी है
माथे पर पसीना चमकने लगा है
मोर दूर छत पर ठुमकने लगा है
चलो घर की ओर कदम बढ़ाएँ
फिर से एक ताज़ा दिन पकाएँ
सरकारी नल बंद हो गया होगा
पंपमैन चैन से सो गया होगा
सीढ़ियों पर अख़बार पड़ा है
देखें किसने किस पर तंज़ जड़ा है
लो सड़क पर झाड़ू लग रही है
रास्ते में धूल ही धूल उड़ रही है
कमरे में जाकर पंखा चलाएँ
एक कप चाय का लुत्फ़ उठाएँ

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5 JUN 2023 AT 8:33

खुले दरवाज़े पे सवाल
बंद दरवाज़ों में सवाल
कुछ कहने पर सवाल
चुप रहने पर सवाल
संदेशों में भी सवाल
चिठ्ठियों में भी सवाल
हर आँख पूछती सवाल
हर निगाह ढूँढती सवाल
मिलने जाऐं तो सवाल
न मिलने पर भी सवाल
ख़ुशी मिलने पर सवाल
ग़म हो फिर भी सवाल
जान पहचान पर सवाल
अनजान लोगों से सवाल
जागते हुए भी सवाल
सोते हुए पर सवाल
जिंदा रहने पर सवाल
मरने के बाद भी सवाल
अब मैं उकताने लगा हूँ
बहुत सताने लगे सवाल

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5 JUN 2023 AT 7:48

पुराने सम्बन्ध पुराने काग़ज़ की तरह हैं
नया लिखने की जगह सहेज लीजिए
अन्यथा बिखर जाएँगे

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5 JUN 2023 AT 7:44


What is happiness ... the moments spent with each other ... where there are no questions seeking answers ... just a feeling of belonging to one another.
Have a happy wedding anniversary dear children get older together 👴👵

💐🎁🎁💐💐❤️❤️❤️


Baba, Maa, Mishti & Aashi

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26 MAY 2023 AT 8:15

किसी दिन केजरी और राहुल बाबा कहेंगे मोदी योगासन करते हैं और देश में ऑक्सीजन कम होता जा रहा है ।
Grow up boys there is a limit after all

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26 MAY 2023 AT 7:00

बेमौसम आँधी बरसात और ओले
बताइए हमसे क्या भूल हुई भोले
आकाश भी व्यथा जम कर रो ले
सूरज देर से आधी खिड़की खोले
काँपते पौधे भी अपना तन धो ले
चिड़ी अटारी में भीगे पंख खोले
मिष्टी, आशी, कब्बू तीनों हैं भोले
घर बैठे मज़े से खाते आलू छोले

Good Morning 😊🙏

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25 MAY 2023 AT 18:33

मन .. बांबी जैसा बन गया
भीतर एक सर्प रहने लगा है
बाहर दीमकें चिपटी हुईं हैं
अजीब सरसराहट रहती है
अन्दर ज़हर भरता जा रहा है
बाहर खोखलापन बढ़ रहा है
दूर तक पसरा हुआ है सन्नाटा
भूलकर कोई पास नहीं आता
साथ है बस सूरज की तपिश
और रात्रि की गहराती नीरवता
रुक रुक कर झींगुरों का शोर
पत्तों हवाओं की फुसफुसाहट
यहाँ ऋतुऐं बदलती रहती हैं
परिस्थितियाँ जस की तस हैं
झूठी तसल्ली देता हूँ ख़ुद को
सोचता हूँ वाल्मीकि की तरह
कभी रच पाऊँगा एक महाग्रंथ
जो मरणोपरांत संजोकर रखेगा
विचारों को युग युगान्तर के लिए

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18 MAY 2023 AT 18:40

After all who are we
What's our achievement
Where do we stand
Does someone recognise us
Does someone love
Why do people ignore us
These are few questions
In our minds these days
Well we are humans
Don't have to be perfect
Don't have to be famous
Do we need to be cared
We have an assignment
Given by God to us
So why not complete it
And let things happen
As they ought to be
We know ourselves
We know the shortcomings
We try our best still
Sometimes we succeed
Sometimes face failure
So what ... We are learning
From each mistake
We also rejoice
After each success
What is life all about
Learning and moving forward ...

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14 MAY 2023 AT 9:08

झुलसे हुए चेहरे
जलती हुई आँखें
ठहरा हुआ मन ...
लू के थपेड़े
बढ़ती हुई गर्मी
पिघला सा तन ...
दूर हटते लोग
झूठे सारे दिलासे
कलेजे में तपन ...
ऐसे में बारिश
हल्की हल्की बूंदें
कम होती जलन ...
घुटी घुटी साँसें
दबी दबी आवाज़ें
बढ़ती उलझन ...
सूनी सी पगडण्डी
आधा खुला दरवाज़ा
बाट जोहते नयन ...

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