अब लम्हों से जादा शिकायतें हो गई हैं।
अब वादों से जादा शर्तें हो गई हैं।
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ऐक बार मिलने का वादा करले,
बेशक मिलने न आना।
और तो कोई वजह मिली नहीं,
झूठा ठेहरा कर ही दिल को समझा लेंगे।-
मेरी आँखें अब तुझे ढूंढती नहीं।
याद आती है तेरी कभी-कभी,मना नही कर रहा,
पर तेरी तरह वो भी रुकती नहीं।-
ये जो चुपके से किसी कोने में तु रो रहा हैं, मुझे मालूम हैं।
ये जो चुपके से किसी कोने में मैं रो रहा हु, तुझे मालूम हैं।
बस इतनी सी ही लड़ाई है हम दोनो की।-
मिलने आना मुझे एक बार,
चाए मेरे हमेशा के लिए सो जाने के बाद।
पर मिलने आना मुझे एक बार।
देखना, तेरे बिना हाल मेरा,
सूखी आंखें, उदास चेहरा।
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शाम सी हो गई हो,
दिख रही हो जाती हुईं पर रोक नहीं पा रहा।
मालूम है रूक जाओगी एक बार बोलने पर भी,
पर टोक नहीं पा रहा।-
ये तेरी नजरों का ही कसूर हैं शायद,
कि हम आज भी मदहोश हैं।
ये तेरी नजरों का ही कसूर हैं शायद,
कि हम आज भी मदहोश हैं।
वादा तो हर दिन करते हैं,
कि बस आज से भूल जाएंगे।
पर ये तेरी नजरों का ही कसूर हैं शायद,
कि हम खुद से बेवफ़ा हैं।-