चल कर देखा कइयों ने अपनी चाल से तेज,
पर वक्त और तकदीर से आगे कोई नहीं
निकल सका-
सारा दिन गुज़र जाता है
खुद को समेटने में,
रात होते होते फिर से
बिखर जाता हूं-
पैसा बहोत ज़रूरी है जनाब
रिश्तेदारी निभानी हो या दोस्ती
इसके बिना नहीं चलती...-
नेकी एक दिन काम आती है
ये हम को क्या समझाते हो जनाब
हमने बेबस मरते देखे हैं जाने कैसे कैसे शख्स-
जीवन में ऐसी सोच रखिये
जो खोया उसका गम नहीं,
पर जो पाया है
वह किसी से कम नहीं,
जो नहीं है वह एक ख्वाब है,
पर जो है वह लाजवाब है.
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हम से पहले भी मुसाफ़िर कई गुज़रे होंगे यहां से, कम से कम राह के पत्थर तो हटाते जाते
~राहत इंदौरी साहब-
क्यों आया हूं मैं यहां शायद ये तो कभी जान नहीं पाया पर इतना ज़रूर जान गया था कि ज़िंदगी में अब और भागना नहीं है। इसलिए अक्सर अब कभी रुक जाता हूं सिर्फ़ अंगड़ाई लेने, तो कभी बस चाय की चुस्की लेने, कभी ज़िंदगी से करने बातें दो चार और कभी,
कभी बस यूं ही.......
।जय शंकर जय माता।-
किताबों की अहमियत अपनी जगह है पर सबक वही याद रहता है जो वक्त और लोग सिखाते हैं
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