सुबह की थकान एक पल में उतर गयी,
जब वो मेरे गले से यूँ लिपट गयी।
उनका हाथ थाम कर चले जो साथ कदम मेरे
मंज़िल से सुहावना सफर लगने लगा मुझे।
फिर रात को जुदा हुए एक मुलाकात का अंत हुआ
मगर
अगली मुलाकात के वादे और एक कभी न भुला पाने वाली हँसी के संग।-
मैं एक परिपक्व लेखक एवं शायर नही हूँ, मेरा ... read more
काफी अकेला हूँ से
लेकर
अकेला काफी हूँ तक
का सफर तय किया है मैंने ।-
अंग्रेज़ी के तो अल्फाबेट्स भी चुप हो जाते है
हिंदी की तो बिंदी तक बोलती है-
किसी ने पूछा क्या करते हो
मैंने कहा लफ़्ज़ों को पिरोकर शायरी करता हूँ . . .-
मेरी मृत्यु पर शोक न करना
लपेट देना मुझे तिरंगे में
संभलना मेरी माँ को, चुप कराना मेरे पिता को
मेरी मृत्यु पर शोक न करना
भाई को ढांढ़स बँधना, बहन को देना सांत्वना
मेरी मृत्यु पर शोक न करना
जो मिलो मेरी भार्या से, क्षमा उनसे मांग लेना
मेरी मृत्यु पर शोक न करना
मेरी वर्दी कहे देगी गाथा मेरे कौशल की
जब उठाओ मुझे तो मेरे साथी हौसला रखना
बस मेरी मृत्यु पर शोक न करना . . .
मुझे गर्व है मैं भारतवासी हूँ, मेरा कण-कण इस धरा को समर्पित है, 8 दिसंबर 2021 को जो क्षति हुई उसको पूरा करना असंभव है। किंतु उनके दिखाए कदमों चलकर ही हम उनके अधूरे सपनो को संपूर्ण कर सकेंगे
जय हिंद
भारत माता की जय-
We lost our childhood, we lost our friends, we lost our innocence and we have lots of responsibilities to handle. And we have to show fake smile to the whole world.
-
562 रियासतों को एक अखंड भारत के निर्माता सरदार श्री वल्लभ भाई पटेल जी 145वी जयंती पर उनको नमन है।
भारत के प्रथम उपप्रधानमंत्री व प्रथम गृहमंत्री जी को जन्मदिवस पर उनको समस्त देश की और से हार्दिक शुभकामनाएं।
राष्ट्रीय एकता दिवस भी इनके जन्मदिवस पर मनाया जाता है।
भारतवर्ष के प्रति उनकी सेवाएं अभूतपूर्ण, अविस्मरणीय व स्तुति योग्य है।
उनके नाम पर सरदार सरोवर बांध का नाम रखा गया है, भारतीय पुलिस अकादमी के नाम भी इनके नाम पर रखा गया है।
देश सदैव उनके प्रति कृतज्ञ है।
जय हिंद
-
न हो सकेगा इश्क़ मुकम्मल हमारे, फिर भी इश्क़ किया है सिर्फ तुमसे।
धर्म, जाति, भाषा से भिन्न हो मुझसे, यह जानते हुए भी प्यार किया तुमसे।
यह जानते हुए भी की
पूर्णिमा सी रात सी तुम, अमावस्या की रात हूँ मै।
जीवन की बेला तुम, मृत्यु का काल सा मैं।
सुंदरता की प्रियमा तुम, भिखरा कांच से मैं।
यह सब जानते हुए भी इश्क़ किया तुमसे।
-
लिखने का शौक रखता हूँ, कहता नही कुछ मगर अल्फ़ाज़ गज़ब रखता हूँ।
कभी मौका मिले तो पढ़ना मुझे, हर किसी की कहानी के कुछ अंश रखता हूँ।
न करता हूँ ऐतबार किसी पर न जान निस्सार किसी पर करता हूँ।
ले लेता हूँ दुख दूसरों के, सुकून के पल उनके नाम करता हूँ ।
जब हो जाता हूँ गुस्सा दूसरों से, लिखकर अपनी तकलीफ कम करता हूँ।
न कहता हूँ हाल-आए-दिल किसी से, मगर सबके दिल की खबर रखता हूँ।-